रख-रखाव के लिए होता है टेण्डर उद्यान विभाग ने पार्क के रख-रखाव और मेंटेनेंस के लिए हर साल बाकायदा ठेका दिया जाता है। जिसका टेण्डर निकलता है। विभाग ने जिले के चारों पार्क का ठेका एक ही ठेकेदार को दिया है। जिनमें गाधी पार्क, तालाबशाही पार्क, सर्किट हाउस उद्यान और एक अन्य पार्क शामिल हैं। हालांकि गांधी उद्यान को छोडक़र और शेष उद्यान नागरिकों के लिए ओपन नहीं है। इन चारों पार्कों के रख-रखाव का जिम्मा विभाग द्वारा टेण्डर पक्रिया के माध्यम से दिया गया। जिसमें एक ही ठेकेदार को इन पार्कों का जिम्मा है। इन पार्कों पर साल में करीब १७ लाख रुपए का खर्चा हो रहा है। लेकिन इसके बाद भी सफाई नाम की चीज नहीं दिख रही है। न ही मॉनिटरिंग हो रही है।
https://www.patrika.com/special-news/keeping-distance-from-rallies-and-campaigns-netaji-remained-active-on-social-media-18646561 कुर्सियां और फिसलपट्टी टूटी शहर के गांधी पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए लाखों रुपए खर्च कर झूले लगाने सहित अन्य विकास कार्य करवाए गए थे, लेकिन उद्यान विभाग इनकी सार संभाल तक नहीं कर पा रहा है। गांधी पार्क में विकास कार्यों के कुछ ही समय बाद यहां लगे झूले, सीमेंटेड कुर्सियां, फिसलपट्टी आदि टूट गए हैं। जिससे बच्चों के घायल होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। वहीं पार्क की कई लाइटें भी बन्द पड़ी हुई हैं। दीवारों पर लगी रेलिंगें भी टूट चुकी हैं। ऐसे में यहां पहुंचने वाले बच्चों से लेकर बड़े तक पार्क के यह हालात देख निराश होकर लौट जाते हैं।
रिश्ते तय कर फेंक जाते हैं गंदगी गांधी पार्क को मांगलिक पार्क कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि आप जब भी इस पार्क में जाएंगे तो आपको यहां 2-3 गुट समूह में महिला और पुरुष बैठक कर अपने लडक़ा और लडक़ा का रिश्ता तय करते हैं। लडक़े को लडक़ी और लडक़ी को लडक़ा दिखाया जाता है। शादी तय की जाती हैं और तो और वर वधु वाले पंडित तक को वहीं बुला लाते हैं और वर-वधु की कुंडली का मिलान कराते हैं। कई रिश्तों के तय होने के बाद विवाह का मुहूर्त भी निकाला जाता है। पार्क में गंदगी को बढ़ावा देने के कारणों में से एक यह लोग भी हैं। जो रिश्ता तय करने के साथ नाश्ता-पानी भी करते हैं और खाली प्लेट, गिलास और पानी की बोतलों को यूं ही फेंक देते हैं।
- धौलपुर के गांधी पार्क सहित कुछ पार्कों का रख-रखाव प्राइवेट ठेके पर होता है। जिसके लिए टेण्टर निकाले जाते हैं। अभी गांधी पार्क सहित अन्य पार्कों का ठेका एक ही व्यक्ति पर है। अगर पार्क की हालत सही नहीं है तो जल्द ही उन समस्याओं को दुरुस्त कराया जाएगा।
- सन्तराम मीणा, अधीक्षक उद्यान विभाग