19 अप्रेल को हुए मतदान में राज्य के करीब सत्तर फीसदी मतदाताओं ने साढ़े नौ सौ प्रत्याशियों का भाग्य तय कर दिया था। सुबह आठ बजे राज्य के उनचालीस मतगणना केंद्रों में कड़ी सुरक्षा के बीच मतों की गिनती शुरू हुई। पहले डाकमत गिने गए और बाद में स्ट्रांग रूम में रखी गई ईवीएम की बारी आई।
केंद्र के खिलाफ माहौल
चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री और अन्य चुनाव प्रचारकों ने जीत की नींव डालते हुए यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि राज्य के मतदाता असंतोष से भर जाएं। उनको रह-रहकर यह स्मरण कराया गया कि तमिलनाडु केंद्रीय करों में जो योगदान देता है उसका केवल २६ पैसा वापस मिलता है। बाढ़ राहत के नाम पर उसे ढेला भी नहीं मिला। केंद्र सरकार राज्य पर हिन्दी थोप रही है। केंद्रीय नौकरियों में तमिलनाडु को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। साथ ही भाजपा को इस रूप में पेश किया गया कि वह कार्पोरेट जगत की सरकार है। चुनाव के ठीक पहले इलेक्टॉरल बॉन्ड वाले मसले ने भी मतदाताओं की सोच को प्रभावित किया।
पीएम मोदी व अन्नामलै का जादू नहीं चला
करीब एक साल पहले से ही भाजपा ने राज्य में कुछ सीटों को चिन्हित कर लिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन दक्षिण के तहत राज्य में आठ से अधिक रैलियां कीं। अंतिम चरण के चुनाव से पहले तो वे कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे तक ध्यान पर बैठे। इससे पहले जनवरी महीने में राम मंदिर के कुंभाभिषेक से पूर्व भी उन्होंने सभी महत्त्वपूर्ण मंदिरों के दर्शन किए थे। जहां मोदी अपने भाषण और आश्वासन से मतदाताओं को रिझा नहीं सके तो, वहीं प्रदेशाध्यक्ष के. अन्नामलै जिन्हें पार्टी का तारणहार समझा जा रहा था, खुद चुनाव नहीं जीत सके।
द्रमुक 22 कांग्रेस
09 वीसीके 02 भाकपा 02
माकपा 02 एमडीएमके 01
आइयूएमएल 01 दिग्गज जीते
दयानिधि मारन, ए. राजा, कनिमोझी करुणानिधि, कार्ति चिदम्बरम, टी. आर. बालू, थोल तिरुमावलवन, एस. जगतरक्षकन दिग्गज हारे
डा. तमिलइसै सौंदरराजन, एल. मुरुगन, के. अन्नामलै, सौम्या अन्बुमणि, ओ. पन्नीरसेल्वम, टीटीवी दिनकरण, नैनार नागेंद्रन, पोन राधाकृष्णन, राधिका शरथ कुमार
बड़े नामों वाले चुनाव में माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सच्चिदानंदम आर. ने दिंडीगुल लोकसभा सीट लगभग 4.30 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीती। उनको लगभग साढ़े छह लाख से अधिक वोट मिले। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी अन्नाद्रमुक के मोहम्मद मुबारक एम. ए. रहे। मोहम्मद मुबारक की तरह लगभग इतने ही मार्जिन से जीतने वाले प्रत्याशी रहे कांग्रेस के शशिकांत बालाजी। बालाजी ने तिरुवल्लूर रिजर्व सीट से चुनाव लड़ा और भाजपा के वी. पोन. बालगणपति को शिकस्त दी।
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