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सरकारी स्कूल को बचाने आगे आए पूर्व छात्र

70 के दशक में स्थापित इस स्कूल में बच्चों की संख्या चिंताजनक रूप से घटी है

बैंगलोरJun 07, 2024 / 09:05 am

Nikhil Kumar

पूर्व छात्रों के अनुसार इस बार स्कूल खुलने के दिन ही 6 बच्चों ने दाखिला लिया

रायचूर जिले के लिंगसुगुर तालुक के देवराभुपुरा सरकारी कन्नड़ सीनियर प्राइमरी स्कूल को बचाने के लिए इसके पूर्व छात्र आगे आए हैं।

छात्रों ने एक पहल शुरू की है, जिसके तहत पहली कक्षा में दाखिल प्रत्येक छात्र पर वे स्कूल को 500 रुपए देंगे। कक्षा एक के बच्चों को स्कूल बैग भी वितरित किए जा रहे हैं।
70 के दशक में स्थापित इस स्कूल में बच्चों की संख्या चिंताजनक रूप से घटी है। कक्षा 1 से कक्षा 8 तक उच्च प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण पिछले कुछ वर्षों में स्कूल में बच्चों के नामांकन में काफी गिरावट आई है। नामांकन के बाद भी बच्चे कक्षाओं में नहीं आ रहे हैं।
स्कूल को बचाने के लिए इस स्कूल के पूर्व छात्रों ने हेले बेरु होसा चिगी नामक एक संघ बनाया है। नामांकन दर बढ़ाने के लिए विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रम भी चला रहे हैं। इस संबंध में, गुरुवार को पहली कक्षा में नामांकित बच्चों को नि:शुल्क बैग वितरित किए गए और प्रत्येक बच्चे के नाम पर 500 रुपए की राशि जमा की गई। पूर्व छात्रों ने प्रशिक्षण कार्यशाला, स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी और सुसज्जित खेल मैदान बनाने समेत कई परियोजनाओं की योजना बनाई है।

पहले दिन ही छह नए नामांकन

पूर्व छात्रों के अनुसार इस बार स्कूल खुलने के दिन ही 6 बच्चों ने दाखिला लिया। राशि जमा करना एक छोटा सा प्रयास है। बच्चे शैक्षिक कार्यक्रमों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

नामांकन अभियान भी जारी

स्कूल की प्रधानाध्यापिका रूपा ने बताया कि सभी शिक्षक नामांकन अभियान चला रहे हैं। बच्चों की संख्या बढऩे की उम्मीद है। कई अभिभावक अपने बच्चों को विभिन्न कक्षाओं में दाखिला दिलाने के लिए आगे आए हैं। इस सप्ताह बच्चों की संख्या 40 के पार जा सकती है।

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