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सूरत

Ganpati Special : पधारो सुखकर्ता, दुख हर्ता…

गली-मोहल्लों में धूमधाम से गणपति बप्पा का स्वागत, स्थिर योग में बिराजे विघ्न विनायक

सूरतSep 13, 2018 / 08:56 pm

Sandip Kumar N Pateel

patrika

Ganpati Special : पधारो सुखकर्ता, दुख हर्ता…

सूरत. सूरत में गणेश महोत्सव की धूम गुरुवार से शुरू हो गई। शहर में जगह-जगह सजे पंडालों में भक्तों ने भक्तिभाव से अपने आराध्य देव का स्वागत किया। ढोल-नगाड़ों और डीजे के साथ शोभायात्रा निकालकर प्रतिमाओं को पंडाल तक ले जाने का दौर भी जारी रहा। सूरत में करीब 65 हजार प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। दस दिन तक गणपति बप्पा की आराधना का दौर जारी रहेगा। इस दौरान कई रंगारंग कार्यक्रम भी होंगे। 11वें दिन विसर्जन यात्रा निकाली जाएगी। प्रशासन ने विसर्जन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 17 कृत्रिम तालाबों का निर्माण किया गया है।
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के मौके पर सूरत समेत दक्षिण गुजरात में दस दिवसीय गणपति महोत्सव की शुरुआत हो गई। स्थिर योग में श्रेष्ठ मुहूर्त के दौरान गणपति की हजारों प्रतिमाएं गणेश मंडलों ने पंडालों, सोसायटी-अपार्टमेंट और घरों में स्थापित की गईं। पंडालों में गणपति दर्शन के लिए रोजाना रात को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। जगह-जगह सेवा कार्यों के आयोजन भी होंगे।
गणेश चतुर्थी के अवसर पर गुरुवार को प्रथम पूज्य गौरीसुत गणेश हजारों पंडालों में मंत्रों की गूंज के साथ विराजमान हो गए। सर्वाधिक प्रतिमाओं की स्थापना दोपहर अभिजित मुहूर्त के दौरान की गई। सजे पंडालों में सुबह बाजे-गाजे के साथ आयोजक मंडल के सदस्य एवं भक्त गणपति, गोरी-गणेश, मंगलमूर्ति प्रतिमाओं को लेकर पहुंचे। विघ्नविनायक की भाव-भक्ति के माहौल में स्थापना की गई। पंडालों में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। पंडितों ने यजमान और आयोजकों से पृथ्वी पूजन, वरुण पूजन, गणपति पूजन, नवग्रह, षोड़षमात्रिका पूजन के अलावा अन्य देवी-देवताओं की पूजा करवाई। बाद में सामूहिक आरती की गई। शाम ढलने के बाद शहर के प्रमुख आयोजक मंडलों की ओर से स्थापित गणपति प्रतिमाओं के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का दौर शुरू हो गया।

सुबह से शाम तक चला दौर


स्थिर योग गुरुवार को सुबह 6 बजकर 26 मिनट से दोपहर 2 बजकर 54 मिनट तक रहा। स्थिर योग में सुबह 6 बजकर 27 मिनट से 7 बजकर 58 मिनट तक शुभ चौघडिय़ा, सुबह 10 बजकर 52 मिनट से दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक चल-लाभ का चौघडिय़ा, शाम 5 बजकर 2 मिनट से 6 बजकर 43 मिनट तक के शुभ चौघडिय़ा में श्रद्धालुओं ने गणपति प्रतिमा की स्थापना की।

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