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MBBS स्टूडेंट का फूटा गुस्सा, सालभर उपस्थित रहे, अच्छे नंबर आए…. फिर भी प्रैक्टिकल में फेल

गलत रिजल्ट के 20 दिन बाद भी सुधार नहीं हुआ, एमजीएम कॉलेज में प्रदर्शन

इंदौरApr 17, 2024 / 10:21 am

Ashtha Awasthi

MBBS

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इंदौर। एमबीबीएस अंतिम वर्ष की परीक्षा 15 मार्च को हुई। इसके बाद 27 मार्च को रिजल्ट घोषित किया गया। सभी के रिजल्ट सही आए, वहीं हमारे सर्जरी विभाग के प्रैक्टिकल में गड़बड़ी बताई गई। बाद में हमें आश्वासन दिया कि यूनिवर्सिटी जानकारी भेजी गई है, सब ठीक होगा। आश्वासन को 20 दिन गुजर चुके हैं, अब तक कोई सुधार नहीं हुआ। देरी से रिजल्ट के कारण हम इंटर्नशिप नहीं कर पा रहे। जिनके कम नंबर आए वह इंटर्नशिप के लिए जा रहे हैं। कॉलेज प्रबंधन की गलती के बाद भी हमें सताया जा रहा रहा है। हमें यह लगता है कि यह जानबूझकर किया गया है।
यह कहना है एमजीएम मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस अंतिम वर्ष के उन 41 विद्यार्थियों का, जिन्होंने प्रैक्टिकल परीक्षा तो दी, लेकिन कॉलेज की गड़बड़ी के कारण मूल्यांकन गलत हुआ। नाराज विद्यार्थी मंगलवार को एबीवीपी पदाधिकारियों के साथ कॉलेज पहुंचे, जहां पर गुस्सा भी दिखा और फेल होने के दुख से आंसू भी छलक आए।

सामूहिक आत्महत्या करने की धमकी

विद्यार्थियों ने कहा, क्लर्क और परीक्षक ने प्रैक्टिकल अंक देने में गलती की, जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है। सभी ने कॉलेज प्रशासन पर गलती को सुधारने में देरी का आरोप लगाते हुए सामूहिक आत्महत्या करने की धमकी भी दी। डीन डॉ. संजय दीक्षित ने सामूहिक आत्महत्या का उल्लेख करने वाले ज्ञापन लेने से मना किया और उस हिस्से को हटाकर नया ज्ञापन देने की बात कही।

सर्जरी विभाग के खिलाफ लगाए नारे

विद्यार्थियों ने रिजल्ट सुधार में देरी के विरोध में कॉलेज में प्रदर्शन कर कॉलेज डीन का घेराव किया। कॉलेज और सर्जरी विभाग के खिलाफ नारे भी लगाए। उन्होंने कहा, पूरे बैच को कम अंक दिए गए हैं। मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ने कॉलेज से त्रुटि पर स्पष्टीकरण मांगने के साथ-साथ परिणाम को संशोधित करने के लिए एक हलफनामा भी प्रस्तुत करने को कहा है। कॉलेज प्रशासन और सदस्यों ने पहले ही परिणाम को संशोधित करने का निर्णय लिया, लेकिन एक सदस्य नहीं चाहते हैं।

पूरे बैच के परिणाम संशोधित किए जाएंगे

कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, यह गड़बड़ी एक परीक्षक ने की है, जिन्होंने 60 अंकों के स्थान पर कुल 10 अंकों से छात्रों का मूल्यांकन किया था। इसके अलावा अंक अपलोड करने वाले अंकों को छह से गुणा करने में चूक गया। परीक्षक भी विश्वविद्यालय को अंक जमा करने से पहले इस गलती को पकड़ने में विफल रहे। इस गड़बड़ी ने न केवल उन विद्यार्थियों को प्रभावित किया, जो प्रैक्टिकल परीक्षा में फेल रहे बल्कि बैच के सभी छात्रों के परिणाम और योग्यता पर भी असर पड़ा। अब अकों को संशोधित करने के लिए एमपीएमएसआइ के साथ मेडिकल कॉलेज के प्रारंभिक अनुरोध को मेडिकल विश्वविद्यालय ने खारिज कर दिया है। कॉलेज से इस गड़बड़ी का उल्लेख करते हुए सभी परीक्षकों द्वारा हस्ताक्षरित एक हलफनामा भेजने के लिए कहा है।
  • अंकों को संशोधित करने का कार्य करने के बाद तीन दिन में सभी परीक्षकों के हस्ताक्षर के बाद इसे एमपीएमएसआइ को भेज देंगे। हमने विद्यार्थियों से चर्चा की है। जल्द से जल्द रिजल्ट वापस घोषित किए जाएंगे।- डीन डॉ. संजय दीक्षित, एमजीएम मेडिकल कॉलेज

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