नियम विरूद्ध तरीके से स्वीकृत किए गए पंचायतों में 20 से अधिक काम
More than 20 works in Panchayats approved against rules
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![टीकमगढ़। मशीनों से किया जा रहा काम।](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fcms.patrika.com%2Fwp-content%2Fuploads%2F2024%2F05%2Ftkm-26-07.jpg%3Ffit%3Dcover%2Cgravity%3Dauto%2Cquality%3D75&w=828&q=75)
टीकमगढ़। मशीनों से किया जा रहा काम।
निवाड़ी में निरस्त हुए तो जिले में नोटिस जारी करने के बाद रूक गई कार्रवाई टीकमगढ़. जिले में मनरेगा हमेशा ही भ्रष्टाचार और लापरवहियों के लिए चर्चा में रहा है। दो साल से बराबर केंद्रीय दलों की जांच के बाद भी यहां पर लापरवाहियां थमने का नाम नहीं ले रही है। आलम यह है कि अधिकारी आयुक्त के निर्देशों को धता बताते हुए नियम विरूद्ध तरीके से एक-एक पंचायत में 20 से अधिक काम खोल रहे है। शिकायत के बाद निवाड़ी जिले में जहां 20 से अधिक कामों को बंद करा दिया गया है तो जिले में जिला पंचायत केवल नोटिस देने तक की ही कार्रवाई कर सकी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों का पलायन रोकने के लिए बनाई गई मनरेगा, जिले में अधिकारियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों की जेबे भरने की योजना बन कर रह गई है। योजना के तहत दो बार केंद्रीय जांच दल द्वारा की गई जांच में यह साबित हुआ है कि जिले में योजना के तहत जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। इसके बाद भी यहां के अधिकारी नियमों को दरकिनार कर काम करने से बाज नहीं आ रहे है। मनरेगा में पंचायतों में काम खोलने को लेकर आयुक्त के स्पष्ट निर्देश है कि यदि किसी पंचायत में आवास एवं पौधारोपण काम को छोड़ कर 20 काम पूर्व से स्वीकृत है तो वहां पर नया काम तब तक नहीं खोला जाएगा, जब कि इन कामों को पूर्ण नहीं कर लिया जाता है। यदि किसी विशेष परिस्थिति में काम खोलने की जरूरत है, तो इसके लिए कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी, लेकिन इसके बाद भी जनपद पंचायतें अपनी ओर से लगातार काम खोलती जा रही है।
तीन माह में नहीं हुई कार्रवाई
जिले में सबसे अधिक काम जतारा और पलेरा जनपद पंचायत में खोले गए है। जतारा जनपद पंचायत में जहां 20 से अधिक स्वीकृत किए गए कामों की संख्या 456 है तो पलेरा में यह 753 बताई गई है। इस मामले की शिकायत होने पर जिला पंचायत सीईओ द्वारा दोनों पंचायतों के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारियों को नोटिस जारी कर नियम विरूद्ध तरीके से खोले गए कामों के लिए नोटिस जारी किया गया था। जिला पंचायत सीईओ द्वारा 7 फरवरी को दोनों जनपद के एपीओ को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने को कहा गया था। इन नोटिस के जारी किए हुए साढ़े तीन माह का समय हो गया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि निवाड़ी जिले में ऐसे कामों को बंद करा दिया गया है।
मशीनों से हो रहा काम
विदित हो कि जिले में मनरेगा के कामों में मशीनों का प्रयोग करने की खबरें आए दिन सामने आती है। काम न मिलने से परेशान ग्रामीण आए दिन सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो शेयर कर इनकी शिकायत करते है। इसके बाद भी इस पर किसी का ध्यान नहीं है। शनिवार को भी ग्राम पंचायत बम्हौरी नकीबन के ग्रामीणों ने मनरेगा के काम में मशीनों का उपयोग करने की शिकायत कलेक्टर एवं कमिश्नर से की है। यही हाल कुछेक और पंचायतों का भी है।
कहते है अधिकारी
नोटिस के जवाब सब्मिट कर दिए गए है। इस लापरवाही पर कार्रवाई की जा रही है। मैं अभी जिले से बाहर हूं, आकर इस प्रकरण में आगे की कार्रवाई की जाएगी।- नवीन कुमार धुर्वे, जिला पंचायत सीईओ, टीकमगढ़।
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