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भीलवाड़ा से श्रीमाली और जोशी रह चुके केन्द्र में मंत्री

केन्द्र में नई सरकार के गठन को लेकर देश की राजनीति गरम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरी बार एनडीए गठबंधन की मदद से सरकार बनाने के स्पष्ट संकेत सामने है। ऐसे में यह भी तय है कि सबकी नजर अब गठित होने वाले नए मंत्रिमंडल पर भी है।

भीलवाड़ाJun 07, 2024 / 09:09 pm

Narendra Kumar Verma

सबकी नजर अब गठित होने वाले नए मंत्रिमंडल पर भी है।

सबकी नजर अब गठित होने वाले नए मंत्रिमंडल पर भी है।

केन्द्र में नई सरकार के गठन को लेकर देश की राजनीति गरम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरी बार एनडीए गठबंधन की मदद से सरकार बनाने के स्पष्ट संकेत सामने है। ऐसे में यह भी तय है कि सबकी नजर अब गठित होने वाले नए मंत्रिमंडल पर भी है।
इतिहास के पन्नों को पलटें तो भीलवाड़ा जिले को भी अभी तक दो बार केन्द्र में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। समूचे मेवाड़ पर नजर डाले तो कुल चार बार प्रतिनिधित्व रहा। बदले हुए समीकरण मेंं भीलवाड़ा जिले व मेवाड़ की उम्मीद संभावित केन्द्रीय मंत्रिमंडल पर टिकी है।
मेवाड़ में उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा से सांसद चुने गए नेता अलग-अलग सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे। जबकि राजसमंद और बांसवाड़ा के हिस्से ये मौका नहीं आया। हालांकि पार्टी के हिसाब से बात करें तो एनडीए की तुलना में कांग्रेस के नेतृत्व में बनी सरकारों में मेवाड़ को केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व करने का अधिक मौका मिला। सबसे पहले उदयपुर में जन्मे कालूलाल श्रीमाली भीलवाड़ा से कांग्रेस के सांसद रहते हुए पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार में केंद्रीय शिक्षा मंत्री बने। पद्म विभूषण से समानित श्रीमाली उदयपुर की संस्था विद्या भवन के संस्थापकों में से एक थे।
जोशी ने पांच साल में संभाले तीन मंत्रालय

भीलवाड़ा से सांसद रहे सी.पी. जोशी भले ही इस बार भीलवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव हार गए, लेकिन उन्होंने वर्ष-2009 में ही भीलवाड़ा मेंं अपने एक संसदीय कार्यकाल में तीन विभाग संभाले। वर्ष-2009 से 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के कार्यकाल में जोशी पहले 22 मई 2009 से 18 जनवरी 2011 तक पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री रहे। 19 जनवरी 2011 से 16 जून 2013 तक सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय संभाला। इसी दौरान 11 मई 2013 से 16 जून 2013 तक रेल मंत्रालय का कार्यभार भी उनके पास रहा।
वित्त मंत्री बने जसवंत सिंह

चित्तौड़गढ़ सीट से 1996 में 11वीं लोकसभा के सांसद निर्वाचित हुए जसवंतसिंह अटल बिहारी वाजपेयी की पहली सरकार में वित्त मंत्री बने। बतौर सासंद यह उनका तीसरा कार्यकाल था। वे नवीं लोकसभा में जोधपुर तथा दसवीं और ग्यारहवीं लोकसभा में लगातार दो बार चित्तौड़गढ़ से सांसद चुने गए थे। बाद में वे राज्यसभा सांसद रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी की दूसरी सरकार में केंद्रीय विदेश व रक्षा मंत्री भी रहे।
गिरिजा व्यास को दो कार्यकाल में मिला मौका

कांग्रेस नेता गिरिजा व्यास को अपने दो संसदीय कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री परिषद में काम करने का मौका मिला। सबसे पहले वे 1991 में पीवी नरसिह्माराव के कार्यकाल में केंद्रीय सूचना प्रसारण उपमंत्री रही। जबकि 2009 से 2014 के बीच चितौड़गढ सांसद रहते हुए मनमोहनसिंह कार्यकाल के अंतिम साल में जून 2013 से मई 2014 के बीच शहरी आवास एवं ग़रीबी उन्मूलन मंत्री बनने का मौका मिला।
कौन कब रहा केंद्र में मंत्री

नाम पार्टी संसदीय क्षेत्र कार्यकाल विभाग

कालूलाल श्रीमाली कांग्रेस भीलवाड़ा 1958 से 1963 शिक्षा मंत्री

जसवंत सिंह भाजपा चित्तौड़गढ़ 16 मई से 1 जून 1996 तक वित्त मंत्री
गिरिजा व्यास कांग्रेस उदयपुर 1991 से 1993 सूचना प्रसारण उप मंत्री

गिरिजा व्यास कांग्रेस चित्तौड़गढ़ जून 2013 से मई 2014 शहरी आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री

सी.पी. जोशी कांग्रेस भीलवाड़ा 2009 से 2014 ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, सड़क परिवहन व राजमार्ग, रेल मंत्री

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