भोपाल के भेल के डायरेक्टर संजय गोयल के दो बेटे यूपीएससी में चुने गए हैं। सचिन गोयल को 209वीं और उनके भाई समीर गोयल को 222 रैंक मिली है। भोपाल की ही छाया सिंह की इस परीक्षा में 65वीं रैंक मिली है। छाया सिंह की सफलता किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। वे दो बार प्रिलिम्स तक क्लीयर नहीं कर सकीं थीं। यहां तक कि एमपीपीएससी की परीक्षाओं में भी कई बार फेल हुईं पर हौसला नहीं छोड़ा। आखिरकार वे आईएएस बन ही गईं।
छाया सिंह तीन साल पहले भी इस परीक्षा में 288वीं रैंक प्राप्त कर चुकी हैं पर जिस पल का उन्हें इंतजार था वह अंतिम प्रयास में ही आया। 16 अप्रेल को दुर्गाष्टमी के दिन उनकी मन की मुराद पूरी हो ही गई। इससे पहले एक—दो बार नहीं, वे कई बार नाकाम हुईं।
छाया सिंह ने बताया कि लगातार असफलताओं से ही कामयाब होने का हौसला भी मिला। यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी तो कई सालों से कर रही थी लेकिन शुरुआती परिणाम बहुत निराशाजनक रहे थे। शुरुआती दो प्रयासों में तो प्रिलिम्स तक में पास नहीं हो सकी। इतना ही नहीं, वे तो एमपीपीएससी की परीक्षाओं तक में फेल हो गईं थीं। एमपी पीएससी प्रिलिम्स में भी वे तीन बार फेल हुईं।
छाया सिंह 2019 में सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट बन गईं थीं। इसके बाद 2020 में महिला एवं बाल विकास अधिकारी बनीं। पर सालों की कड़ी मेहनत का परिणाम यूपीएससी 2023 की परीक्षा में मिला जब वे 65 वीें रैंक के साथ चुनी गईं। उन्होंने ग्वालियर के सिंधिया स्कूल और भोपाल के सेंट जोसेफ स्कूल से पढ़ाई की है।