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Big news: दहला गांव, एक साथ उठी नौ अर्थी, अंधेरे में ही बैठे रहे ग्रामीण

हमला तब किया जब सब सो रहे थे।

छिंदवाड़ाMay 30, 2024 / 02:10 pm

ashish mishra

छिंदवाड़ा. तामिया विकासखंड के माहुलझिर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बोदल कछार गांव में हुई जघन्य हत्याकांड से हर कोई दहल गया। घटना के बाद लोग दहशत में ही दिखाई दिए। आरोपी मृतक दिनेश ने परिवार के 8 सदस्यों की हत्या ऐसे की, जैसे उसने इसकी पहले से ही ट्रेनिंग ले रखी हो। उसने किसी को भी उठने नहीं दिया। हमला तब किया जब सब सो रहे थे। एक-एक करके कुल्हाड़ी से सभी के गले पर ही वार किया और एक ही वार में उन्हें मौत के घाट उतार दिया। जिन बच्चों को उसने अपने गोंद में खिलाया, उन्हें मारते हुए उसके हाथ नहीं कांपे। जिस मां ने उसे नौ माह कोख में रखा, उसे भी नहीं बख्सा। जिस भाई ने उसे शादी करने के लिए घर बुलाया और घर पर ही रहने के लिए मनाया, उसकी भी परवाह नहीं की। पुलिस, प्रशासन, ग्रामीणों एवं परिजनों की उपस्थिति में बुधवार शाम 6 बजे सभी नौ मृतकों का आदिवासी परंपरा के अनुसार गांव के पास ही शासकीय भूमि में गड्ढ़ा कर रीति-रीवाज से दफनाया गया। गांव में एक साथ एक ही दिन 9 अर्थी उठने से हर तरफ मातम छा गया। हर किसी की रूह कांप गई। बहनें बेसुध हो गई।
अंधेरे में ही बैठे रहे ग्रामीण
दिनेश ने रात दो बजे के आसपास घटना को अंजाम दिया। दिनेश ने अपने परिजन की हत्या करने के बाद अपने ताऊ के पोते पर हमला किया। बुजुर्ग महिला के चिल्लाने पर दिनेश कुल्हाड़ी फेककर जंगल में फरार हो गया। इसके बाद सभी ग्रामीण एकत्रित हो गए। हालांकि जिस वक्त यह घटना हुई उस समय गांव में बिजली नहीं थी। ग्रामीणों ने दिनेश के घर जाकर आवाज लगाई, लेकिन किसी ने नहीं सुना। इसके बाद जब टॉर्च जलाया तो हर तरह लाश ही लाश दिखाई दी। ऐसा दृश्य देखकर ग्रामीणों की रूह कांप गई। रात 2.45 बजे कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद सभी एक ही जगह अंधेरे में ही बैठ गए और पुलिस के आने का इंतजार करने लगे। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। हालांकि दिनेश के जंगल में भाग जाने से उजाला होने तक लोग दहशत में थे। वहीं पुलिस ने भी टीम बनाकर आरोपी को पकडऩे में जुट गई। हालांकि सुबह 6 बजे के आसपास दिनेश का पेड़ पर लटका शव दिखाई दिया।
रील बनाने का था शौक
बताया जाता है कि आरोपी दिनेश को रील बनाने का बहुत शौक था। उसने सबसे अधिक रील अपनी छोटी भतीजी के साथ बनाई थी। दिनेश ने भतीजी को भी नहीं बख्शा और गले पर ही कुल्हाड़ी से वारकर उसकी भी हत्या कर दी।
परिवार में बची दो शादीशुदा बहनें
दिनेश की दो बहनों की शादी हो चुकी है। दोनों बहनें ससुराल में थी। इसलिए वह दिनेश के गुस्से का शिकार नहीं हुई और उनकी जान बच गई। अब दिनेश के परिवार में दोनों बहनें ही बच गई हैं।
घायल भतीजा नागपुर रेफर
दिनेश ने बड़े पिता के पोते एवं रिश्ते में अपने भतीजे 10 वर्षीय इशू सुइयाम को भी कुल्हाड़ी से घायल कर दिया। जिससे उसका जबड़ा कट गया। गंभीर चोट आने पर उसे परासिया रोड स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया। हालात गंभीर होने पर उसे नागपुर रेफर कर दिया गया। जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
पुलिस ने खंगाले दस्तावेज
पुलिस ने दिनेश के घर से सभी दस्तावेज, मोबाइल जब्त कर लिए हैं। पुलिस अब इस जांच में जुटी हुई है कि दिनेश ने आखिर इतना बड़ा कदम क्यों उठाया। आखिर ऐसी क्या बात थी जो उसने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया। पुलिस हर एंगल से जांच में जुट गई है।

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