scriptखतरों का सफर, सड़कों पर दौड़ रही अनफिट बसें | transport news | Patrika News
समाचार

खतरों का सफर, सड़कों पर दौड़ रही अनफिट बसें

शहर की सडक़ों पर अनफिट बसें दौड़ रही है। इन बसों में बैठकर यात्री खतरों का सफर कर रहे हैं।

ग्वालियरMay 19, 2024 / 09:52 pm

राहुल गंगवार

ग्वालियर. शहर की सडक़ों पर अनफिट बसें दौड़ रही है। इन बसों में बैठकर यात्री खतरों का सफर कर रहे हैं। गुना में हादसे के बाद प्रदेशभर में बसों का चेकिंग अभियान चला था, लेकिन कुछ दिनों में वह भी बंद हो गया। शहर में कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे अनफिट बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं जो हादसों को न्यौता दे रही हैं। शहर से कई बसें ऐसी चल रही हैं जो सडक़ों पर चलने लायक नहीं है। पुलिस विभाग ने हेलमेट और नंबर प्लेट को लेकर अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन परिवहन विभाग अभी तक चेकिंग की शुरुआत नहीं कर सका। हालांकि इसके पीछे का कारण लोकसभा चुनाव बताया जा रहा है और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) का कहना है कि जल्द ही अनफिट बसों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया जाएगा।
बसों की चेकिंग नहीं होने से अनफिट बसें बिना रोक टोक के दौड़ रही हैं। जनता की सुरक्षा की फ्रिक किसी को नहीं हैं। गुना में दर्दनाक घटना से लोग डरे सहमें उस घटना के मंजर को कभी नहीं भूल पाएंगे। घटना से सबक किसी ने नहीं लिया है। शहर से ग्रामीण इलाकों में कई बसों के पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है। इसके अलावा बसों को ओवरलोड करके चलाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक कमाई बसों से की जा सके। बसों में क्षमता से ज्यादा यात्रियों को बैठाया जाता है यह सब किसी से छुपा नहीं हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है यह बड़ा सवाल हैं।
कई बसों में कांच नहीं, तो कई बसों में बैक लाइट नहीं
परिवहन विभाग का मुख्यालय होने के बाद भी यहां नियमों की अनदेखी की जा रही है। शहर के बस स्टैंड से ऐसी बसें संचालित होती दिख जाएंगी जिनके शीशे फूटे हुए हैं, बैक लाइट जलती नहीं है, इमजेंसी गेट खुलता नहीं है। स्पीड गर्वनर सिर्फ दिखावे के लिए, बसें 80 और 100 की स्पीड से दौड़ती मिल जाएंगी। यात्रियों की क्षमता से ज्यादा माल लदा होता है। ये बसें दिनभर सडक़ों पर दौड़ती मिल जाएंगी। विभाग को भी हादसे के बाद चेकिंग की याद आती है।
फिटनेस के समय पूरे मापदंड पूरे, फिर साल भर मनमर्जी
बस संचालक फिटनेस सटिर्फिकेट लेने के समय पूरे मापदंड को पूरा कर लेते हैं, यदि कुछ कमी होती है तो ले देकर पूरा करा लेते हैं। एक बार फिटनेस सटिर्फिकेट हाथ आ गया फिर सालभर अपनी मर्जी से बसों का संचालन करते हैं।https://www.patrika.com/gwalior-news/double-attack-of-weather-in-madhya-pradesh-severe-heat-in-gwalior-chambal-rain-alert-in-these-districts-18706767
यात्रियों की सुविधा की भी कोई व्यवस्था नहीं
नियमानुसार बसों में यात्रियों की सुविधाओं के व्यवस्था करने का नियम है, जिसमें अग्निशमक यंत्र, फस्र्ट बॉक्स, स्पीड गर्वनर, पेनिक बटन आदि की व्यवस्था होना चाहिए, लेकिन शहर में जो बसें चल रही है उनमें कुछ बसों में यह सामान है नहीं और जिन बसों में है वह उपयोग लायक नहीं।
लोकसभा चुनाव के कारण स्टॉफ ड्यूटी में लगा था, इसलिए चेकिंग अभियान की शुरुआत नहीं हो सकी। यदि अनफिट बसें शहर में चल रही है तो उनके खिलाफ जल्द चेकिंग अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
  • एचके सिंह, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, ग्वालियर जिला

Hindi News/ News Bulletin / खतरों का सफर, सड़कों पर दौड़ रही अनफिट बसें

ट्रेंडिंग वीडियो