मुंबई में सबसे ज्यादा बढ़ा पीएम 2.5 स्तर अध्ययन के मुताबिक मुंबई में पीएम 2.5 स्तर में 30 फीसदी की वृद्धि के साथ वायु गुणवत्ता सबसे ज्यादा बिगड़ गई। प्रायद्वीपीय भारत के अन्य शहरों में कोयंबूटर में प्रदूषकों में 28, बेंगलूरु में 20 और चेन्नई में 12 फीसदी की वृद्धि हुई। उत्तर भारत के कई शहरों में वायु गुणवत्ता राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत निर्धारित पंचवर्षीय लक्ष्य पर पहुंच गई। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि ऐसा क्यों हुआ, यह पहेली है।
सदी में पहली परिघटना भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान के जलवायु विज्ञानी और अध्ययन के सह-लेखक आर.एच. कृपलानी का कहना है कि असामान्य ट्रिपल डिप ला नीना मौसमी गतिविधि के आखिरी चरण के दौरान 2022-23 का शीतकाल आया। यह 21वीं सदी में पहली परिघटना है। इस मौसमी गतिविधि ने बड़े पैमाने पर वायु प्रवाह पर असर डाला और उत्तर भारत के शहरों में प्रदूषकों को रोकने तथा वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में निर्णायक भूमिका निभाई।