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कागजात नहीं होने पर भी वाहन बीमा क्लेम नहीं होगा रिजेक्ट

21 दिन में होगा मोटर इंश्योरेंस क्लेम सेटल

नई दिल्लीJun 12, 2024 / 12:35 am

ANUJ SHARMA

नई दिल्ली. दुर्घटना या अन्य किसी कारण से वाहन के क्षतिग्रस्त होने पर अब कागजात नहीं होने के कारण आपके वाहन बीमा का क्लेम रिजेक्ट नहीं होगा। बीमा नियामक इरडा ने मंगलवार को मोटर इंश्योरेंस के कई नियमों में बदलाव किया। इरडा ने वाहन बीमा को लेकर एक मास्टर सर्कुलर जारी किया, जिसमें क्लेम सेटलमेंट के लिए एक निश्चित अवधि तय की गई है। साथ ही मोटर बीमा पॉलिसी कैंसिल कराने के नियमों में संशोधन किया गया है और लोगों को यह विकल्प दिया है कि वे गाड़ी चलाने के हिसाब से इंश्योरेंस का प्रीमियम भर सकते हैं। इरडा के नए नियमों के मुताबिक, अब बीमा कराते समय अंडरराइटिंग प्रपोजल के समय यानी बीमा के जोखिम का आकलन करते वक्त ही बीमा कंपनियां सभी कागजात ले लेंगी।
क्लेम सेटलमेंट के समय जरूरत पडऩे पर कंपनियां केवल क्लेम सेटलमेंट फॉर्म, ड्राइविंग लाइसेंस या परमिट मांग सकती हैं।
कैंसिलेशन नियमों में भी बदलाव

अब तक बीमा कंपनियां जानकारी छिपाने, फर्जीवाड़ा, असहयोग, मिस-रिप्रेजेंटेशन आदि के आधार पर मोटर बीमा पॉलिसी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को को रद्द कर देती थीं, लेकिन अब इंश्योरेंस कंपनियां केवल फर्जीवाड़ा साबित होने के बाद ही वाहन बीमा पॉलिसी को कैंसिल कर सकेंगी। इसके लिए उन्हें ग्राहकों को 7 दिन पहले नोटिस दोना होगा। अन्य किसी कारण से बीमा पॉलिसी कैंसिल नहीं होगी। हालांकि, किसी वाहन का दो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होने पर एक पॉलिसी कैंसिल की जा सकती है।
कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट अनिवार्य : ग्राहकों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट (सीआइएस) देने को अनिवार्य किया गया है। इसमें आसान भाषा में पॉलिसी की सभी शर्तें, बीमा कवरेज, एड-ऑन्स, आइडीबी, सम एश्योर्ड, सम इंश्योर्ड राशि, क्लेम करने का तरीका, कॉन्टैक्ट नंबर, शिकायत कहां करें आदि का विवरण होगा।
क्लेम सेटलमेंट की समय-सीमा तय
पॉलिसीधारक की ओर से मोटर बीमा क्लेम करने के 24 घंटे के अंदर जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को सर्वेयर की नियुक्ति करनी होगी। सर्वेयर को 15 दिन के अंदर बीमा कंपनी को अपनी सर्वे रिपोर्ट सैंपनी होगी। इसके बाद 7 दिन के अंदर बीमा कंपनी को क्लेम सेटलमेंट पर फैसला करना होगा। यानी 21 दिन में मोटर बीमा का क्लेम सेटल हो जाएगा। विलंब होने पर बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
थर्ड पार्टी बीमा नहीं तो होगी जेल
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अब वाहनों के लिए थर्ड पार्टी बीमा होना अनिवार्य कर दिया है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं होना अब दंडनीय अपराध बन गया है। यानी बीमा लेने में लापरवाही अब आपको जेल भेज सकती है। नए नियमों के मुताबिक, पहली बार अपराध होने पर 3 महीने तक की कैद और 2000 रुपए का जुर्माना और दूसरी बार गलती पाए जाने पर 3 महीने तक की जेल और 4000 रुपए का जुर्माना हो सकता है।

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