-घंटाघर पर सड़क हादसे में हुआ था घायल
मामला पिछले महीने २८ अप्रेल का बताया जा रहा है। शहर निवासी भवानी साहू का घंटाघर के पास एक्सीडेंट हुआ था। उसे १०८ एम्बूलेंस की मदद से गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया। एम्बूलेंस से उतारकर उसे स्ट्रेचर से कैज्युअल्टी में लाया गया, लेकिन जिस तरह से घायल की मदद की जानी चाहिए वैसा वार्ड बॉय नन्हें लाल राठौर ने नहीं किया। घायल की कमर में लगे बेल्ट से उसे उठाया। इस दौरान वह झिटककर गिर गया। वहां मौके पर मौजूद एक पुलिसकर्मी ने घायल को उठाकर सीमेंट की कुर्सी पर लिटाया।-जिम्मेदार बोले..
घटना दुखद है। मुझे घायल ने रुपए चोरी होने के संबंध में शिकायत की थी। मैंने जब जांच कराई तो यह मामला सामने आया। वार्ड बॉय हमारा अधिकृत कर्मचारी नहीं रहा है। दो साल पहले जिन कर्मचारियों को बाहर किया गया था। उसमें वह शामिल है। रात में वह क्या कर रहा था, इसकी जांच मैं करवाता हूं।जिला अस्पताल में रविवार को भी एक अमानवीय घटना सामने आई थी। यहां एक वृद्ध महिला की मौत हो जाने के बाद उसके शव को घर ले जाने के लिए शव वाहन नहीं मिला। मजबूरन परिजन वृद्धा के शव को ई रिक्शा में लेकर गए। बताया जाता है कि अस्पताल में नपा और रेडक्रास सोसायटी के जिम्मेदारों के नंबर लिखे थे। सवा लाख मानसपाठ निवासी मृतका के बेटे नरायण ने कि जब इन नंबरों पर फोन लगाया तो कोई जवाब नहीं मिला। परिजन शव को रिक्शे में लेककर चले गए। इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. राजेश नामदेव का कहना है कि शव वाहन की व्यवस्था अस्पताल की जिम्मेदारी नहीं है। शव वाहन रेडक्रास या फिर नपा प्रशासन द्वारा ही की जाती है।