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चिंताजनक ट्रेंड: मादक पदार्थों की तस्करी में महिला व किशोर भी हुए संलिप्त

– श्रीगंगानगर जिले में गत सवा चार साल में 65 महिलाएं और 16 बाल अपचारी आए गिरफ़त में
चिंताजनक ट्रेंड: मादक पदार्थों की तस्करी में महिला व किशोर भी हुए संलिप्त

श्री गंगानगरJun 07, 2024 / 02:30 pm

surender ojha

श्रीगंगानगर. इलाके में मादक पदार्थ और शराब तस्करी में अब केवल पुरुष ही नहीं वरन महिलाएं भी सक्रिय भूमिका निभाने लगी हैं। इसके अलावा 14 से 16 साल की आयु वर्ग के किशोरों की भी इस धंधे में एंट्री हो गई है। पुलिस ने मादक पदार्थ तस्करी में पिछले सवा चार साल में 65 महिलाओं को अपने शिकंजे में लिया , वहीं 16 बाल अपचारी काबू किए गए। महिलाएं महज शराब की तस्करी के साथ गांजा, हेरोइन, स्मैक, डोडा चूरा, शराब की तस्करी में संलिप्त पाई गई हैं। पिछले दिनों सीमा पार से आई हेरोइन की खेप को लेने के लिए बॉर्डर एरिया में काबू में किए गए पंजाब के दो तस्करों के साथ एक बालक भी काबू में आ गया था। बालक को खेत से सड़क पर खड़े तस्करों तक ये पैकेट पहुंचाने के एवज में पच्चीस हजार रुपए की राशि देना तय हुए थे।

लालच देकर फंसाते, जरूरतमंद होती शामिल

पुलिस गिरत में आई महिलाओं के वकीलों का कहना है कि तस्कर माफिया ने उनको रुपयों का लालच दिया। जरूरतमंद महिलाएं पैसों के लालच में माल को इधर-उधर करने के लिए कोरियर का काम करती हैं। कई महिलाओं के परिवार में कुछ लोग या करीबी अथवा आसपास के लोग तस्करी में लिप्त रहे हैं। इन्हीं को देखकर महिलाएं भी तस्करी के धंधे में शामिल हो गईं।

कानूनी दावपेच एक बड़ी वजह

महिलाओं को तस्करी में शामिल करने का माफिया का बड़ा कारण जांच एजेसियों की ओर से होने वाली पूछताछ में छूट है। किसी बाल अपचारी या किशोर को पुलिस गिरतार करने की बजाय डिटेन करती है। इसके बाद बाल कल्याण समिति के माध्यम से संबंधित किशोर को बाल सुधार या सप्रेषण गृह में भिजवाया जाता है। इन किशोरों से ड्रग्स माफिया के बारे में पूछताछ के लिए रिमांड नहीं मिलता है। वहीं महिलाओं पर पुलिस ज्यादा शक नहीं करती है। नाकाबंदी के दौरान पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसी महिला व बच्चों को देख नरम रूख अपनाती है। उन्हें परेशानी से बचाने के लिए बगैर जांच पड़ताल जाने दिया जाता है। इसका माफिया फायदा उठा महिलाओं को इसमें शामिल कर रहे हैं।

इसलिए महिलाएं और बालक निशाने पर

पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने बताया कि ज्यादा पूछताछ नहीं होने से ड्रग्स माफिया महिलाओं और बच्चों को शामिल कर रहे हैं। पिछले कुछ समय से महिलाओं और बाल अपचारियों की संलिप्तता सामने आई है। यह समाज के लिए अच्छी बात नहीं है। बाल अपचारी से पूछताछ तक नहीं कर सकते, ऐसे में जांच की प्रक्रिया रूक जाती है।


सवा चार साल में दर्ज एनडीपीएस एक्ट के मामले व गिरतारी

वर्ष बाल अपचारी महिलाएं
2020 06 03
2021 00 10
2022 03 10
2023 04 29
2024 03 13

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