scriptलक्ष्य तय कर हासिल करने तक पीछा करें | To achieve set goals, followed | Patrika News
उदयपुर

लक्ष्य तय कर हासिल करने तक पीछा करें

सफलता पानी है तो उसके
लिए लक्ष्य तय करना होगा। लक्ष्य को हासिल करने के लिए उसका पीछा तब तक मत छोडिए जब
तक वह हासिल ना हो जाए।

उदयपुरApr 13, 2015 / 09:58 pm

कमल राजपूत

उदयपुर। सफलता पानी है तो उसके लिए लक्ष्य तय करना होगा। लक्ष्य को हासिल करने के लिए उसका पीछा तब तक मत छोडिए जब तक वह हासिल ना हो जाए। इस दौरान कई बाधाएं आएंगी और असफलताएं मिलेंगी। लेकिन, इन असफलताओं से निराश होने के बजाय उसके कारण ढूंढें और फिर से आगे बढ़ जाएं। रविवार को आरएनटी मेडिकल कॉलेज सभागार में कॅरियर काउंसलर व एमके जैन क्लासेस के निदेशक एमके जैन ने कही।

वे पाई व एमके जैन क्लासेस की ओर से आयोजित भविष्य निर्माण सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे। सेमिनार में 8वीं, 9वीं, 10वीं, 11वीं व 12वीं के विद्यार्थियों उनके अभिभावकों व उदयपुर संभाग के कई विद्यालयों के शिक्षकों ने भाग लिया। जैन ने तनावमुक्त और परिणाम प्राप्त करने के लक्ष्य पर आधारित शिक्षण प्रणाली एसआईपी पद्धति के बारे में बताया। नई प्रतियोगी परीक्षा नीति के अनुसार मेडिकल व इंजीनियरिंग की पूरे भारत में एक ही परीक्षा होगी।

इसमें 40 प्रतिशत अंक भार बोर्ड परीक्षा और 60 प्रतिशत अंक भार प्रवेश परीक्षा का रहेगा। सफलता प्राप्त करने के लिए दोनों में संयुक्त रूप से अच्छे अंक प्राप्त करने पर ही चयन होगा। उन्होंने सेमिनार में समय प्रबंधन, आत्मविश्वास बढ़ाने के तरीके और कई प्रसिद्ध वीडियोज की सहायता से विद्यार्थियों को प्रेरित किया गया। सेमिनार में भाग लेने वालों के लिए 13 व 14 अप्रेल को स्कॉलरशिप टेस्ट का आयोजन किया जाएगा। परीक्षा शाम 4 से 6 बजे तक दुर्गानर्सरी रोड़ स्थित एमके जैन क्लासेस पर होगी।

विद्यार्थियों को दिए टिप्स
– अपने लक्ष्य को स्पष्ट रूप से तय करो।
– लक्ष्य के पीछे कारण बड़ा होना चाहिए उसे निश्चित करो।
– लक्ष्य प्राप्त करने के लिए विस्तृत प्लान बनाएं।
– अगर कोई सफलता होती है तो निराश मत होइए बल्कि कारण ढूंढिए।
– अपने पर विश्वास बनाए रखें।
– विष्ाय का चयन भविष्य की आवश्यकता के आधार पर करना चाहिए।
– अपनी योग्यता को लगातार बढ़ाना चाहिए जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं में उच्च अंक प्राप्त कर सकें।
अभिभावकों को दिए टिप्स
– अपने बच्चों को सदैव आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करे व उसे अच्छा पारिवारिक माहौल प्रदान करें।
– उसे डांटें नहीं परंतु उसकी हर गतिविधियों पर ध्यान रखें। उसके सोचने और पढ़ने की आदतों को बढ़ावा दें।
– हमेशा धैर्य रखते हुए बच्चों को प्रोत्साहित करें।
– अभिभावक जितनी आवश्यकता हो, उतनी ही सुविधाएं दें। साथ ही जो कुछ भी दें, उसकी महत्ता समझाएं।
– अपने बच्चों के साथ तुलना ना करें, उसकी क्षमताओं को देखकर उसे लक्ष्य दें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो