छिंदवाड़ा गर्मी में जिले के जो इलाके पानी के लिए सबसे ज्यादा तरसे मानसून उन्हीं क्षेत्रों में इस बार झमाझम बरसा है। पिछले चार महीने पानी की किल्लत झेलने वाले कोयलांचल के परासिया, जामई के अलावा अमरवाड़ा, चौरई में इस बार मानसून की शुरुआती बारिश बहुत अच्छी रही है। इन इलाकों के सूखे पड़े क्षेत्र अब पानी से लबालब भरे दिख रहे हैं। इस बार अच्छी बारिश से इन क्षेत्रों के लोगों ने राहत महसूस की है। पहाड़ी क्षेत्र हर्रई और तामिया में हालांकि बारिश की शुरुआत धीमी हुई है। पिछले दो साल से मानसून की शुरुआत बेहद कमजोर थी।2014में जून लगभग सूखा गया था तो पिछले वर्ष भी मानसून ने तरसाया था हालाकि बाद में बारिश का तांडव एेसा दिखा कि पूरा जिला अतिवृष्टि से जलमग्न हो गया। इस वर्ष भी मानसून तय समय से देरी से आया, लेकिन जानकारों के अनुसार मौसम में ठंडक लाने और खेती किसानी के लिए बारिश अच्छी हो गई है।
पिछले साल 2 इंच,इस बार 8इंच
पिछले वर्ष इसी दिन तक जिले में 54.4 मिमी बारिश यानी दो इंच से कुछ ज्यादा औसत बारिश दर्ज की गई थी। इस साल पूरे जिले में औसत मानें तो बारिश 182.65 मिमी हो चुकी है यानी आठ इंच के लगभग। सबसे ज्यादा बारिश चौरई में हुई है जबकि अमरवाड़ा और पांढुर्ना मे दूसरे स्थान पर हैं। कोयालांचल के परासिया में अच्छी खासी बारिश हुई है।
जून में बारिश
वर्ष बारिश मिमी में
2015 182.65
2014 54.65
2013 45.91
२०१२ 144.26
2011 130.71
2010 128.60
एक जून से अभी तक विकासखंड छिंदवाडा में 162, मोहखेड में 175.4, तामिया में 57.2, अमरवाडा में 253.4, चौरई में 309.4, हर्रई में 96.9, सौंसर 144.6, पांढुर्णा में 295.4, बिछुआ में 183.6, परासिया में 255.1 और जुन्नारदेव में 236.1 एवं चांद में 204.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है।मानसून की शुरुआत अच्छी है। बारिश का यह क्रम बना रहे। जुलाई में अगर एसी ही बारिश हो गई तो फिर फसलों की स्थिति बहुत अच्छी होगी। बोनी के लिए समय बिल्कुल सही है और किसान इसमें जुट गए हैं।
डॉ. विजय पराडकर, नोडल अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र, छिंदवाड़ा
जिले में बोवनी के लिए पर्याप्त पानी बरस चुका है। कृषि विभाग और वैज्ञानिक चार इंच बारिश होने के बाद ही बोनी करने की सलाह देते हैं। तामिया और को छोड़ दें तो सभी विकासखंडों में बोवनी के लिए जमीन को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल चुका है। जिले में कुछ क्षेत्रों में किसानों ने मक्का की बोवनी जल्द कर दी है। अच्छी बारिश के कारण कई खेतों में अच्छा अंकुरण भी दिख रहा है। किसानों का कहना है कि बारिश अब समय-समय पर एसी ही होती रहे तो कोई दिक्कत नहीं है।
खरीफ फसलों के लिए किसान खेतों में जुट गए हैं। जिले में 35 से 40 प्रतिशत बोनी हो चुकी है। मैदानी अधिकारी किसानों के सम्पर्क में हैं और उन्हें सलाह भी दे रहे हैं।
पीबी सराफ,उपसंचालक, कृषि विभाग