जबलपुर। प्रदेश के हायर एजुकेशन संस्थानों में इस साल से एनुअल एग्जाम होंगे। इस बात से जहां अब स्टूडेंट्स में खुशी देखी जा रही है, वहीं एडमिशन के कई नए नियम उन्हें टेंशन देने का काम भी कर रहे हैं। दरअसल इस साल डिग्री कॉलेजों में एडमिशन के पहले नई गाइडलाइन जारी की गई है, जिसके चलते सिर्फ एक नहीं बल्कि छह नए बदलाव किए गए हैं। हालांकि इसका आम स्टूडेंट्स के एडमिशन पर किसी तरह का कोई असर नहीं होगा, लेकिन दिक्कत उन स्टूडेंट्स को होगी जिन पर किसी तरह का कोई मुकदमा या फिर कोई केस चल रहा हो।
उन्हें एडमिशन मिल पाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। डिग्री कॉलेजों में एडमिशन को लेकर इस साल प्रमुख नियम यह है कि स्टूडेंट्स दाखिले के बाद यदि 15 दिनों तक अनुपस्थित रहता है तो उसका दााखिला निरस्त कर दिया जाएगा।
सख्ती से किया जाएगा पालन
डॉ. अरुण शुक्ल ने बताया कि हायर एजुकेशन द्वारा प्रदेशभर के कॉलेजों के लिए नए नियमों के आदेश जारी किए गए हैं। इसके चलते अब स्टूडेंट्स को दाखिला देते वक्त इन सभी नियमों का सख्ती के साथ पालन किया जाएगा। इसमें स्टूडेंट्स की अनुपस्थिति को विशेष रूप से गौर किया जाएगा, जिसके कारण विभिन्न प्रकोष्ठ की गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं।
इन नियमों पर दाखिला
पहला नियम
यदि कोई स्टूडेंट्स कॉलेज में 15 दिनों तक बिना किसी सूचना के अनुपस्थित होता है, जो बिना जवाब-तलब के उसका प्रवेश निरस्त कर दिया जाएगा।
दूसरा नियम
दाखिले के दौरान गलत जानकारी दर्ज किए जाने के बाद मामला सामने आने पर दाखिला निरस्त करने के साथ सजा का प्रावधान भी जारी किया है।
तीसरा नियम
यदि एडमिशन के लिए कोई ट्रांसजेंडर पात्र है तो वह किसी अन्य गल्र्स या बॉयज कॉलेज में नहीं, बल्कि को-एड कॉलेज में भी पढ़ाई करेगा।
चौथा नियम
एडमिशन में लिए प्रथम वर्ष में 23 और पोस्ट ग्रेएजुशन के लिए 28 वर्ष से अधिक उम्र के आवेदक स्टूडेंट्स को एडमिशन के लिए मान्य नहीं किया जाएगा।
पांचवां नियम
यदि कोई स्टूडेंट्स योग के पाठ्यक्रमों में दाखिला लेना चाहता है, तो उसे दाखिला लेते वक्त किसी भी तरह के उम्र का बाध्य पात्रता से नहीं गुजरना होगा।
छठवां नियम
एेसे स्टूडेंट्स जिन पर कोई मुकदमा चल रहा हो, तो वे भी दाखिला लेने के लिए मान्य नहीं होंगे। इसके लिए उन्हें एरिया सर्टिफिकेट्स की जरूरत होगी।