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सरकार ने किया OROP का एलान,  पूर्व सैनिक संतुष्ट नहीं

रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने पूर्व सैनिकों की लंबे समय से चली आर रही वन रैंक-वन पेंशन की मांग को माना, जुलाई 2014 से लागू होगा OROP

Sep 05, 2015 / 06:45 pm

Rakesh Mishra

OROP

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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने पूर्व सैनिकों की लंबे समय से चली आर रही वन रैंक-वन पेंशन की मांग को मान लिया। आज एक प्रेसवार्ता कर रक्षा मंत्री ने पूर्व सैनिकों के लिए ओआरओपी का एलान कर दिया। पार्रिकर ने कहा कि सरकार ने सैनिकों की चालीस साल पुरानी मांग मान ली है। वहीं पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन के लागू होने का स्वागत तो किया, लेकिन वे इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हुए।





पार्रिकर ने कहा कि हमारी सरकार ने चालीस साल पुरानी मांग पूरी की। वन रैंक-वन पेंशन को जुलाई 2014 से लागू किया जाएगा। वहीं 2013 को इसका आधार वर्ष माना जाएगा। वहीं पार्रिकर ने कहा कि वन रैंक-वन पेंशन लागू करने से सरकार पर प्रति वर्ष आठ से दस हजार करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। उन्होंने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने ओआरओपी के लिए महज 500 करोड़ रुपए का बजट रखा था।




उन्होंने कहा कि हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा की जाएगी। उस साल मिलने वाली पेंशन के एवरेज पर नई पेंशन काउंट होगी। एरियर 2013 से चार किश्तों में दिया जाएगा। सैनिकों की विधवाओं को एक बार में पूरा एरियर मिलेगा। इसके साथ ही वीआरएस लेने वाले सैनिकों को ओआरओपी से बाहर रखा गया है। पार्रिकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र ने अपने वादों को पूरा किया है।




उधर, अनशन कर रहे पूर्व सैनिकों के संयुक्त संगठन की अगुवाई कर रहे रिटायर्ड मेजर जनरल सतबीर सिंह ने वन रैंक वन पेंशन के लागू होने का स्वागत तो किया, लेकिन वे इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा कि सरकार ने वीआरएस लेने वाले पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन से बाहर रखा है, जो कि पूरी तरह गलत है। आज 40 फीसदी सैनिक वीआरएस लेते हैं, ऎसे में उन्हें भी इसका लाभ मिलना चाहिए। यदि वीआरएस लेने वाले पूर्व सैनिकों को इसका लाभ नहीं मिलता है तो यह हमारे लिए धक्का होगा।



सतबीर सिंह ने कहा एक सदस्यीय न्यायिक आयोग पर भी अपनी मंजूरी नहीं दी है। इसके लिए पांच सदस्यीय कमेटी बननी चाहिए, जो कि 30 दिन में फैसला करे। वहीं पांच साल में पेंशन की समीक्षा को भी संगठन ने नकार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूर्व सैनिकों की महज एक की मांग मानी है। इससे पहले इससे पहले वन रैंक-वन पेंशन मुद्दे पर रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर और पूर्व सैनिकों की मीटिंग हुई। यह बैठक करीब डेढ़ घंटे चली थी।



सरकार ने पूर्व सैनिकों को क्या दिया
– जुलाई 2014 से वन रैंक-वन पेंशन का एलान
– हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा
– वीआरएस लेने वाले सैनिक ओआरओपी से बाहर
– एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन

किस बात से खफा हुए पूर्व सैनिक
– पेंशन की समीक्षा हर दो साल में करने की मांग की
– वीआरएस लेने वाले सैनिकों को भी ओआरओपी में रखने की मांग
– पांच सदस्यीय कमेटी बनाने का एलान
– 30 दिन में फैसला देने की मांग

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