चेन्नई। तमिलनाडु
के सुरेश और बेल्जियम की साराह रोगमेन की शादी तो हो गई, लेकिन फिर भी दोनों साथ
नहीं रह पाएंगे। दोनों की शादी के बाद एक ऎसा कानूनी पेंच फंस गया है कि साराह को न
चाहते हुए भी वापस बेल्जियम जाना होगा।
सुरेश और साराह की शादी तो गई,
लेकिन इनकी शादी को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। मंदिर बोर्ड का कहना है कि साराह
विदेशी और ईसाई हैं, जबकि सुरेश हिंदू। ऎसे में इस शादी का रजिस्टे्रशन नहीं किया
जा सकता है। वहीं सुरेश ने आरोप लगाया कि वह दलित समुदाय से है, इसलिए उनकी शादी को
रजिस्टर्ड नहीं किया जा रहा है।
दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने भी एक अड़ंगा
लगा दिया है। प्रशासन का कहना है कि जब तक सुरेश और साराह की शादी का रजिस्टे्रशन
नहीं हो जाता है, तब तक साराह को भारत में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऎसे में
साराह को बेल्जियम लौटना होगा। जब शादी का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा और प्रॉपर वीजा
मिलेगा, तब ही वह भारत लौट सकेंगी।
बता दें कि साराह और सुरेश की मुलाकात
एक शिप पर हुई थी। वहां दोनों कैटरिंग सर्विस में काम करते थे। दोनों के बीच प्यार
हुआ और नौ दिन पहले दोनों ने तमिलनाडु के नमक्कल जिले के एक छोटे से मंदिर में शादी
कर ली।
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