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देखा मौका तो हुआ खतरे का एहसास

locationहनुमानगढ़Published: Jan 16, 2015 12:04:14 pm

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हनुमानगढ़। राजस्थान पत्रिका में सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित होने के बाद अधिकारियों की नीं...

हनुमानगढ़। राजस्थान पत्रिका में सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित होने के बाद अधिकारियों की नींद खुली और अपशिष्टों की रोकथाम को लेकर सभी ने गंभीरता दिखाई। जिला पर्यावरण समिति की गुरूवार को बैठक में इस समस्या पर मंथन करने के बाद बंद कमरे से बाहर निकले अधिकारियों को शायद पहली बार इस बात का एहसास हुआ कि यह खतरनाक अपशिष्ट किस तरह से पर्यावरण और शहर के लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है। एक अधिकारी ने तो यहां तक कह दिया कि भूल से यदि इस जहरीले पानी को कोई पी ले तो उसकी मौत हो जाए। भारी मात्रा में खतरनाक अपशिष्टों को देख अधिकारी बेचैन हो गए।

जंक्शन में स्पिनिंग मिल व अबोहर बाइपास के नजदीक खुले में प्रवाहित हो रहे कार्बनिक और अकार्बनिक अपशिष्टों को देखकर कलक्टर पीसी किशन ने इसे गंभीर समस्या बताकर तत्काल इसका समाधान करवाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जनहित के इस अहम मुद्दे को लेकर जिन अधिकारियों ने अब तक कोताही बरती है, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी। अपशिष्टों के खुले में प्रवाह के लिए रीको अधिकारियों की लापरवाही नजर आने पर तत्काल संबंधित अधिकारियों को निलंबित करने की चेतावनी दी। उल्लेखनीय है कि फैक्ट्रियों से प्रवाहित अपशिष्ट शहर में बीमारियां बांट रहा है। गंदे पानी को वैज्ञानिक पद्धति से साफ करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण की प्रक्रिया कई वर्षो से अधर में है। इससे इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा।

पूर्व में इसके निर्माण को लेकर प्रस्ताव भी तैयार किया गया था। इसके निर्माण पर अधिकारियों ने 10 करोड़ से अधिक खर्च होना बताया था। लेकिन इन सात वर्षो में ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जमीन खरीद प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने के कारण इसका निर्माण अधर में है। एडीएम बीएल मेहरड़ा, डीएफओ डॉ. आसू सिंह, सहायक वन संरक्षक राजेश सुरोलिया, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल बीकानेर के वैज्ञानिक अधिकारी श्यामलाल जाट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रीत मोहिंदर सिंह, उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सुशील छाबड़ा, कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. उदयभान, नगरपरिषद आयुक्त श्रवण बिश्नोई, सहायक अभियंता सुभाष बंसल, शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी रणवीर शर्मा, अतिरिक्त जिला जनसंपर्क अधिकारी सुरेश बिश्नोई, उद्योगपति शिवरतन खड़गावत सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

सुलझा जमीन का पेच
उद्योगपतियों ने प्लांट निर्माण के लिए नगरपरिषद की ओर से आवंटित साढ़े 15 बीघा जमीन उद्योगपतियों के ट्रस्ट के नाम से करवाने की बात कही। इस प्रक्रिया में नगरपरिषद की ओर से 58 लाख रूपए की लीज राशि मांगने की समस्या रखी। आयुक्त ने कहा कि उद्योगपति यदि वास्तव में ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के प्रति गंभीर हैं तो नगरपरिषद इस कार्य में हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार है। वे चाहें तो निर्माण शुरू करवा सकते हैं और लीज राशि किस्तों में जमा करवा सकते हैं।

सर्वे कार्य पूरा
जिला पर्यावरण समिति के निर्देश पर रीको क्षेत्र से निकल रहे अपशिष्ट की रोकथाम को लेकर सभी फैक्ट्रियों का सर्वे करवाया गया है। राजस्थान प्रदूषण मंडल के वैज्ञानिक अधिकारी ने इसकी रिपोर्ट समिति को सौंप दी है। इसमें उल्लेख है कि इन फैक्ट्रियों से प्रवाहित अपशिष्ट में कार्बनिक और अकार्बनिक सहित कई अन्य खतरनाक रसायन हैं। जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। रीको क्षेत्र में हर दिन करीब 90 किलो लीटर अपशिष्ट डिस्चार्ज हो रहा है।

... तो फैक्ट्रियां हो जाएगी बंद
मौका निरीक्षण में कलक्टर ने कहा कि उद्योगपति ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के प्रति गंभीर हो जाएं और निर्घारित समय में इसका निर्माण कार्य पूर्ण करवाएं। उन्होंने कहा कि समिति अपने पर आ जाए तो सभी फैक्ट्रियों को बंद करवा सकती है। जिले में औद्योगिक विकास के साथ पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से ट्रीटमेंट निर्माण पर सभी ने बल दिया। उद्योगपतियों पर लगाम कसने के लिए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों को नियमित रूप से सेंपलिंग करने का निर्देश दिया।

गुटबाजी की मार झेल रहा शहर
उद्योपगतियों के गुटबाजी की मार शहर को झेलनी पड़ रही है। इसके चलते ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण नहीं हो रहा। जिला पर्यावरण समिति की बैठक में उद्योग संघ के शिवरतन खड़गावत ने कहा कि उद्योगपतियों के दो गुट हैं। एक गुट प्लांट निर्माण के लिए तैयार है लेकिन दूसरा कन्नी काट रहा है, इसलिए समस्या आ रही है। कलक्टर ने कहा कि जो उद्योगपति सहयोग करने से इनकार कर रहे हैं, उन्हें समझा दो, नहीं तो नियमों का डंडा चलना पड़ेगा।

सूचना के बाद भी नहीं पहुंचे
जिला पर्यावरण समिति के अध्यक्ष सहित सभी जिम्मेदार अधिकारी रीको क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे लेकिन रीको अधिकारियों के मौके पर नहीं पहुंचने पर कलक्टर ने उन्हें तत्काल बुलाने का निर्देश दिया। रीको कार्यालय का एक कार्मिक तत्काल मौके पर पहुंचा तो परिचय देने पर कलक्टर ने आपा खो दिया। उस कर्मचारी ने रीको मैनेजर सहित उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना मोबाइल पर दी लेकिन फिर भी रीको के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे।
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