दरअसल, जनसूचना अधिकारी सुलेखा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सन् 2010 में जहां 114 आतंकवादी मारे गए तो वहीं 2011 में यह संख्या 35 रही। 2012 में 13 जबकि 2013 में 38 आतंकवादियों का खात्मा किया गया। इसी तरह 2014 में 52 आतंकवादी मारे गए जबकि 2016 में 35, 2017 में 59 आतंकवादियों को मारा गया और 2018 में 3, 2019 में यह संख्या महज़ 4 ही रही जबकि 2020 में 19 आतंवादियों को जम्मू कश्मीर में घुसते हुए ख़त्म कर दिया गया। कुल मिलकर पिछले दस वर्षों में 447 ऐसे आतंकवादियों को जवानों द्वारा मार दिया गया।
रंजन तोमर ने कहा कि इस खुलासे से यह जानकारी प्राप्त होती है कि कैसे अपनी जान पर खेल कर हमारे सैनिक हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इससे यह भी पता चलता है कि पडोसी देश पाकिस्तान चाहे कितना भी भोला बने, लेकिन वह लगातार देश में घुसपैठ कर देश को नुकसान पहुंचाने की साज़िश कर रहा है। जिसके कारण घुसपैठ लगातार जारी है। लेकिन वह नहीं जानता है के कश्मीर देश का अभिन्न अंग है और हम वहां पाकिस्तान की हर चाल का जवाब देने में पूर्ण रूप से सक्षम हैं।