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दरअसल नोएडा के सेक्टर-6 स्थित धरना स्थल पर दर्द से तड़प रहे सफाई कर्मी का नाम विकास है। विकास का आरोप है कि वह अपने साथी सफाई कर्मचारियों को स्थाई करने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से धरना दे रहे हैं। पुलिस ने उन्हें जबरन हटाने की कोशिश की। इस बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की हुई। आरोप लगाया कि सतवीर नाम के दरोगा ने उनके गुप्तांग पर मारा। इतना ही नहीं, पुलिस ने महिलाओं के साथ भी धक्का-मुक्की की।
दरअसल नोएडा के सेक्टर-6 स्थित धरना स्थल पर दर्द से तड़प रहे सफाई कर्मी का नाम विकास है। विकास का आरोप है कि वह अपने साथी सफाई कर्मचारियों को स्थाई करने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से धरना दे रहे हैं। पुलिस ने उन्हें जबरन हटाने की कोशिश की। इस बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की हुई। आरोप लगाया कि सतवीर नाम के दरोगा ने उनके गुप्तांग पर मारा। इतना ही नहीं, पुलिस ने महिलाओं के साथ भी धक्का-मुक्की की।
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इस दौरान पुलिस की पिटाई से जख्मी सफाई कर्मचारी विकास ने सवाल किया कि, क्या संवैधानिक अधिकार मांगना गुनाह है। उसने कहा कि वह 30 साल से अधिक समय से नोएडा प्राधिकरण में नियमित सेवाएं दे रहा है। बावजूद इसके उन्हें संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया है। आई कार्ड, चिकित्सा सुविधा, फंड, बोनस आदि की सुविधाएं अब तक उन्हें नहीं मिल पाई हैं। जबकि उनके संबंध में शासनादेश हो चुके हैं। उसे लागू करने के लिए प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने एक समिति बनाई थी।
इस दौरान पुलिस की पिटाई से जख्मी सफाई कर्मचारी विकास ने सवाल किया कि, क्या संवैधानिक अधिकार मांगना गुनाह है। उसने कहा कि वह 30 साल से अधिक समय से नोएडा प्राधिकरण में नियमित सेवाएं दे रहा है। बावजूद इसके उन्हें संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया है। आई कार्ड, चिकित्सा सुविधा, फंड, बोनस आदि की सुविधाएं अब तक उन्हें नहीं मिल पाई हैं। जबकि उनके संबंध में शासनादेश हो चुके हैं। उसे लागू करने के लिए प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने एक समिति बनाई थी।
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विकास का कहना है कि नोएडा की पूर्व विधायक विमला बाथम और डॉ. महेश शर्मा ने भी उन्हें स्थाई करने का भरोसा दिया था। तब प्रदेश में सपा सरकार थी। विमला बाथम ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था। लेकिन, अब प्रदेश मे रामराज्य की सरकार है। फिर भी उन्हें स्थाई करने की मांगें नहीं मानी जा रही हैं।
विकास का कहना है कि नोएडा की पूर्व विधायक विमला बाथम और डॉ. महेश शर्मा ने भी उन्हें स्थाई करने का भरोसा दिया था। तब प्रदेश में सपा सरकार थी। विमला बाथम ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था। लेकिन, अब प्रदेश मे रामराज्य की सरकार है। फिर भी उन्हें स्थाई करने की मांगें नहीं मानी जा रही हैं।