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यह हो सकता है बड़ा मुद्दा
यूपी के गौतमबुद्ध नगर के जेवर में बनने जा रहे इंटनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए 1441 हैक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है।प्रशासन ने किसानों की सहमति के लिए 16 से 26 जुलाई तक गांवों में शिविर भी लगाया था।लेकिन चार किसानों को छोड़कर किसी ने जमीन अधिग्रहण पर सहमति नहीं दी।किसान जमीन अधिग्रहण के एवज में सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा मांग रहे हैं।जेवर इलाके के कई गांवों के किसान अपनी जमीन के मुआवजे को लेकर लामबंद होते दिखाई दे रहे है किसानों का कहना है कि वो ग्रामीण है।लेकिन प्राधिकरण ने उन्हें गलत नियम से शहरी क्षेत्र घोषित कर दिया है।क्योंकि किसानों को अब शहरी क्षेत्र के आधार पर मुआवजा दोगुना देकर किसानों की जमीन ले लेंगे,नहीं तो ग्रामीण क्षेत्र के हिसाब से किसानों को चार गुना मुआवजा देना होगा।किसानों में इसी बात को लेकर नाराजगी है।वहीं किसानों की इस नाराजगी काे लेकर विपक्ष ने अपना झंडा बुलंद कर लिया है।
मुख्यमंत्री ने की थी मनाने की कोशिश , इन राजनेताआें ने कहीं ये बात
किसानों को मनाने के लिए जीबीयू आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके साथ बंद कमरे में बैठक की थी। इसके बावजूद पेंच नहीं सुलझा है।अब प्रदेश सरकार ने किसानों की सहमति लिए बगैर जमीन अधिग्रहण का फैसला लिया है।इसका विरोध भी शुरु हो गया है।प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया है।उन्होंने कहा है कि सरकार किसान एवं ग्रामीणों को कानूनी कागजी बातों का झांसा देकर उनकी जमीन बिना उनकी मर्जी के औने पौने दामों पर हड़पना चाहती है।वहीं इस पर राहुल गांधी ने भी किसानों के साथ खड़े होकर आंदोलन तक की बात कह दी है। वहीं रालोद के जयंत चौधरी ने भी किसानों का साथ देने की बात कहीं है।
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किसान कर सकते है आंदोलन
प्रदेश सरकार ने किसानों की जमीन अधिग्रहण में कानून का पालन नहीं किया और उत्पीड़न किया तो आंदोलन होगा।प्रदेश सरकार के रुख से किसानों की टेनशन बढ़ गई है।किसान शासन प्रशासन की कार्रवाई पर निगाह लगाए हुए है।किसानों का कहना है कि वह विकास विरोधी नहीं है।लेकिन अपने हक की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।उधर यह मुद्दा आप राजनीतिक रूप लेता जा रहा है। इसका एक उदाहरण पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का सरकार को घेरता हुआ ट्वीट दिखार्इ दिया।