यह भी पढ़ें- यूपी में ‘लव जिहाद’ और धर्मांतरण रोकने का कानून आज से लागू, राज्यपाल ने दी अध्यादेश को मंजूरी उल्लेखनीय है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान लगातार उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि केद्र सरकार लागू किए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। किसानों का कहना है कि इन कानूनों के बनने से केंद्र सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली समाप्त हो जाएगी। इसके तहत बड़े कॉरपोरेट की शर्तों पर किसानों के लिए फसल बेचना मजबूरी बन जाएगी। इन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान सिंधु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में भी भारतीय किसान यूनियन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। जगह-जगह जाम लगाया जा रहा है, जिससे आम जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
किसान आंदोलन को लेकर बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि से संबंधित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर असहमति जताते हुए देशभर में किसान आक्रोशित और आंदोलित हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर सरकार अगर पुनर्विचार करे तो बेहतर होगा।