scriptयूपी में ‘लव जिहाद’ और धर्मांतरण रोकने का कानून आज से लागू, राज्यपाल ने दी अध्यादेश को मंजूरी | Lucknow Governor Anandiben Patel Approved UP Conversion law Love Jihad | Patrika News

यूपी में ‘लव जिहाद’ और धर्मांतरण रोकने का कानून आज से लागू, राज्यपाल ने दी अध्यादेश को मंजूरी

locationलखनऊPublished: Nov 28, 2020 05:02:33 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अवैध धर्मांतरण बिल ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इसके साथ यूपी में लव जिहाद अब कानून की जद में आ गया है।

यूपी में 'लव जिहाद' और धर्मांतरण रोकने का कानून आज से लागू, राज्यपाल ने दी अध्यादेश को मंजूरी

यूपी में ‘लव जिहाद’ और धर्मांतरण रोकने का कानून आज से लागू, राज्यपाल ने दी अध्यादेश को मंजूरी

लखनऊ. यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अवैध धर्मांतरण बिल ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इसके साथ यूपी में लव जिहाद अब कानून की जद में आ गया है। राज्यपाल से मंजूरी मिलते ही यह अध्यादेश कानून के रूप में उत्तर प्रदेश में लागू हो गया है। अब इस अध्यादेश को छह माह के भीतर विधानमंडल के दोनों सदनों में पास कराना होगा। अगर इसमें सफल नहीं हुए तो यह समय पूरा होने पर स्वत: ही खत्म हो जाएगा। राज्यपाल की अनुमति के बाद ऐसा अपराध गैर जमानती माना जाएगा। अध्यादेश के अनुसार सिर्फ शादी के लिए किसी एक धर्म से अन्य धर्म में लड़की का धर्म परिवर्तन अगर किया जाता है तो ऐसा विवाह शून्य (अमान्य) की श्रेणी में माना जाएगा।
लव जिहादियों की खैर नहीं :- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी के बाद यूपी में शनिवार से लव जिहादी की खैर नहीं है। अगर सिर्फ शादी के लिए लड़की का धर्म बदला गया तो ऐसी शादी अमान्य घोषित होगी। धर्म परिवर्तन कराने वालों को दस वर्ष तक जेल भुगतनी पड़ सकती है। गैर जमानती अपराध के मामले में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में मुकदमा चलेगा। दोष सिद्ध हुआ तो दोषी को कम से कम एक वर्ष और अधिकतम पांच वर्ष की सजा भुगतनी होगी। इसके साथ ही न्यूनतम 15,000 रुपए का जुर्माना भी भरना होगा। इस प्रकार के मामलों में अगर मामला अवयस्क महिला, अनूसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के सम्बन्ध में हुआ तो दोषी को तीन वर्ष से दस वर्ष तक कारावास की सजा और न्यूनतम 25,000 रुपए जुर्माना अदा करना पड़ेगा।
लव जिहाद के खिलाफ अन्य राज्यों में भी बुलंद हुए सुर :- सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में अवैध धर्मांतरण कानून ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ के मसौदे को मंजूरी दे दी गई। और अध्यादेश को राज्यपाल की अनुमति के लिए राजभवन भेज दिया गया। यूपी के अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भी इस मसले पर कानून बनाने की तैयारी जोरों पर हैं।
अध्यादेश और बिल में अंतर :- अध्यादेश को अंग्रेज़ी में आर्डिनेंस कहते हैं। यह तब लाया जाता है जब सदन के दोनों सत्र न चल रहे हों। यह अगला सत्र शुरू होने के छह सप्ताह तक वैध रहता है। सदन चलने पर अध्यादेश क़ी दोनों सदनों से मंज़ूरी लेनी ज़रूरी होती है। अधिकतम छह माह के भीतर यदि सदन से अध्यादेश पारित न हुआ तो यह क़ानून स्वतः रद हो जाता है। भारतीय समविधान के अनुच्छेद 123 में इसका उल्लेख है।
बिल :- जबकि, विधेयक यानी बिल का प्रस्ताव तब लाया जाता है जब सदन चल रहा हो। दोनों सदनों में प्रस्ताव के पास होने के बाद राज्यपाल या राष्ट्रपति के पास मंज़ूरी के लिए इसे भेजा जाता है फिर यह क़ानून बन जाता है।
धर्म परिवर्तन में दोनों को भरने होंगे फॉर्म :- लखनऊ. अब उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन करने के लिए अनुमति लेना जरूरी हो गया है। जिस व्यक्ति को धर्म परिवर्तन करना है और धार्मिक पुजारी दोनों को फॉर्म भरकर अनुमति लेनी होगी। धर्म परिवर्तन करने वाले को दो माह और सम्बधित धर्म के पुजारी को एक माह पहले निर्देशानुसार अफसरों के समक्ष फार्म भरकर अनुमति लेनी होगी। अगर जांच में कुछ गलत पाया गया तो दोनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं प्रपत्र का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को 6 माह और अधिकतम 3 साल तक जेल हो सकती है, साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। वहीं धार्मिक पुजारी, मौलवी आदि अगर अपने प्रपत्र का उल्लंघन करेगा, उन्हें कम से कम 1 साल और अधिकतम 5 साल की सजा हो सकती है, वहीं कम से कम 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
विधानसभा में करेंगे विरोध : अखिलेश यादव

लखनऊ. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के शनिवार को उत्तर प्रदेश में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 की मंजूरी का समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि इस इसका अध्यादेश का विधानसभा तथा विधान परिषद में सपा जोरदार विरोध करेगी। अखिलेश यादव ने लखनऊ में शनिवार को समाजवादी पार्टी मुख्यालय में कहाकि, यह अध्यादेश 2020 जन मानस के खिलाफ है। लव जिहाद के खिलाफ कानून के नाम पर लोगों को प्रताड़ित करने की बड़ी साजिश की जा रही है। हम तथा हमारी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता लव जिहाद कानून का विरोध करेंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो