यह भी पढ़ें- हाथरस कांड: जिस बाजरे के खेत में हुई थी वारदात, अब उसके मालिक ने मांगा मुआवजा दरअसल, मूलरूप से छतरपुर मध्य प्रदेश निवासी राम सुहावन का परिवार सर्फाबाद गांव में किराए पर कमरा लेकर रहता है। वह बेलदारी करते हैं। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और दो बेटियां हैं। पप्पू उनका छोटा बेटा था, जो 11 अक्टूबर से लापता था। मृतक पप्पू के परिजनो पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है की जब शिकायत लेकर थाने गए तो उन्हें दुत्कार कर भागा दिया गया। जब अपने स्तर पोस्टर लगाकर बच्चे को ढूंढने का प्रयास किया तो पुलिस वालों ने पीटा।
पप्पू 11 अक्टूबर को लापता हुआ, लेकिन एफ़आईआर पुलिस ने छह दिन बाद दर्ज की। आठ दिन बाद अब बच्चे का शव बच्चे के घर से करीब ढाई सौ मीटर की दूरी पर एक निर्माणाधीन बिल्डिंग के अंदर से ईटों के बीच दबा हुआ मिला तो हड़कंप मच गया। बच्चे का शव काफी सड़ी-गली अवस्था में था। परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती तो शायद पप्पू की जान नहीं जाती। पप्पू का शव मिलने के बाद अब आलाधिकारी भी हरकत में आ गए हैं और पुलिस की दो टीम बनाकर मामले की जांच की बात कह रहे हैं।