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अखिल भरतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय संयोजक युवा मोर्चा पंडित रविंद्र शर्मा ने बताया कि दिल्ली के राजघाट पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शन में देशभर से क्षत्रिय, वैश्य, ब्राह्मण आदि समाज के लोग इक्टठा होंगे। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन में हरियाणा, यूपी, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, महाराष्ट् व देश के अन्य राज्यों से सवर्ण समाज के लोग शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने सवर्ण समाज के साथ में कुठारघात किया है। इसका खामियाजा केंद्र सरकार को लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ेगा। आमरण अनशन भी हुआ शुरू सवर्ण समाज सेवा दल व अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के बैनर तले गौतमबुद्धनगर में एससी एसटी एक्ट के विरोध में आमरण अनशन पर भी शुरू हो गया है। सूरजपुर स्थित जिला मुख्यालय पर पंडित हरीश शास्त्री, संदीप त्यागी, अनुज चौहान, आदित्य त्यागी आमरण अनशन दे रहे है। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रमोद शर्मा ने भी सवर्ण समाज का समर्थन किया है। उन्होंंने केंद्र सरकार को खुली चुनौती दी है कि 2019 के चुनाव में सवर्ण समाज केंद्र सरकार को मुंहतोड़ जवाब देगा। उन्होंने कहा कि परंपरागत वोटर से हटकर केन्द्र सरकार ने बहुत बड़ी गलती की है। देश की सर्वोच्च अदालत का फैसला बदल कर स्वर्ण समाज पर बड़ा कुठाराघात किया गया है।
देवकीनंदन की गिरफ्तारी का उठेगा मुद्दा SC-ST Act का विरोध कर रहे देवकी नंदन ठाकुर (Devkinandan thakur) की आगरा में गिरफ्तारी पुलिस ने की थी। जगह-जगह कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस मसले को लेकर भी सवर्ण समाज में भाजपा सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त है। सवर्णो की माने तो बीजेपी सरकार ने कथावाचक देवकीनंदन को गिरफ्तार कर ठीक नहीं किया है। इस मुद्दे को भी उठाया जाएगा।
सवर्ण समाज का यह है विरोध सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट का दुरुपयोग मानकर नई गाइड लाइन जारी की थी। नई गाइड लाइन के मुताबिक एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज घटना में तुरंत मुकदमा दर्ज करने से मना किया गया था और डीएसपी रैंक के अधिकारी से जांच की बात कहीं गई थी। यह दलितों को रास नहीं आई और दलितों ने 2 अप्रैल को भारत बंद किया था। दलितों के विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने बिल को वापस ले लिया था। वापस लिए गए बिल के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए है। स्वर्ण समाज ने 6 सितंबर को भारत बंद किया था। उसके बाद भी केंद्र सरकार ने बिल को वापस नहीं लिया है। इसकी के विरोध में स्वर्ण समाज का आंदोलन जारी है।