नोएडा

Diesel Generator पर रोक के बाद लोग बोले, ‘आदेश करना आसान, व्यवस्था करना मुश्किल

Highlights:
-मंगलवार से शहर में Pollution फैलाने वालों के खिलाफ प्रशासन का चाबुक चलने लगा है
-नोएडा सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा RMC Plant को सीज किया गया है
-इस दौरान चार लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया है

नोएडाOct 15, 2019 / 07:13 pm

Rahul Chauhan

नोएडा/गाजियाबाद। तापमान में गिरावट के साथ ही प्रदूषण (Pollution) का स्तर बढ़ना शुरू हो चुका है। इसके मद्देनजर ईपीसीए (EPCA) के आदेशानुसार 15 अक्टूबर से नोएडा और गाजियाबाद में में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू कर दिया गया है, जो कि 15 मार्च तक लागू रहेगा। इसके तहत डीजल जनरेटर सेट (diesel generator set) पर भी रोक लगा दी गई है। जिससे शहरवासियों की बेचैनी भी बढ़ने लगी है।
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कारण, मंगलवार से शहर में प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ प्रशासन का चाबुक चलने लगा है। इस कड़ी में नोएडा सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा सेक्टर-79 स्थित लोटस एरेना-3 में नियमों को ताक पर रखकर चल रहे आरएमसी प्लांट को सीज किया गया है। इस दौरान चार लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया है। वहीं रोक के बाद भी कई सोसायटियों में जनरेटर चलते रहे।
वहीं सोसायटी में रहने वाले लोगों का कहना है कि सरकार व प्रशासन को जरूरत है कि जनरेटर सेट पर रोक लगाने से पहले 24 घंटे बिजली की व्यवस्था की जाए। घर में बच्चे व बूढ़े लोग हैं, जिन्हें बिजली जाने पर खासी परेशानी होगी। अभी बिजली जाने पर जनरेटर चालू होने पर सोसायटी में लाइट आती है। वहीं अब जनरेटर पर रोक लगने के बाद लोगों को अंधेरे में रहना पड़ेगा।
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जनरेटर नहीं चलेंगे तो लिफ्ट कैसे चलेगी

सेक्टर-79 स्थित आदित्य अर्बन कासा सोसायटी निवासी कर्नल सी प्रकाश का कहना है कि सरकार द्वारा अचानक जनरेटरों पर रोक तो लगा दी गई है लेकिन, लाइट जाने पर लिफ्ट कैसे चलेगी। साथ ही सोसायटी में रात होने पर अंधेरा रहेगा तो सिक्योरिटी को भी खतरा है। इसके लिए सरकार पहले बिजली की 24 घंटे व्यवस्था करे। तब ये नियम लागू किए जाने चाहिए। इस फैसले से सासायटी के लाखों लोगों को बहुत परेशानी होगी। जिनमें बच्चे व बूढ़े भी शामिल हैं। सरकार व प्रशासन द्वारा कोई भी आदेश जारी करना बहुत आसान है। जैसे कि जनरेटर पर प्रतिबंध लगा दिया। वहीं इसके बदले 24 घंटे बिजली की व्यवस्था करना बहुत मुश्किल है। ऐसे ही सरकार को चाहिए कि किसानों द्वारा जो फसल की पराली में आग लगाई जाती है उस पर पूरी तरह रोक लगाए। सिर्फ जनरेटर से ही प्रदूषण नहीं होता।
बिल्डर करें दूसरे विकल्पों की व्यवस्था

सेक्टर-78 स्थित महागुन मॉडर्ने निवासी संदीप सिंह ने कहा कि नोएडा में जिस तरह से प्रदूषण बढ़ रहा है उसके हिसाब से जनरेटर पर रोक लगाने का फैसला ठीक है। लेकिन, इससे लोगों को बहुत सी परेशानी होगी। ऐसे में जरूरी है कि सोसायटी के बिल्डरों द्वारा डीजल जनरेटर की जगह दूसरे विकल्पों का इंतजाम किया जाए।
बड़ी सोसायटी में लोगों को ज्यादा परेशानी

सेक्टर-120 स्थित प्रतीक निवासी वेदप्रकाश ने कहा कि सरकार को जनरेटर पर रोक लगाने से पहले दूसरे विकल्पों का इंतजाम करने की जरूरत है। इस फैसले से लोगों को जो परेशानी होगी उसकी व्यवस्था करने की जरूरत है। फैसला भले ही हमारे भले के लिए हो लेकिन इसके चलते पूरी तरह से बिजली व्यवस्था की जरूरत है। जिस तरह से शहर में बड़ी-बड़ी सोसायटी हैं उनमें लोगों को बहुत परेशानी होगी। कारण, 14 फ्लोर की सोसायटी में लाइट जाने और जनरेटर बंद होने पर बच्चे व लोग कैसे नीचे उतरेंगे। ऐसे में विकल्प मिलना चाहिए जैसे कि सीमित समय के लिए जनरेटर का इस्तेमाल या संख्या तय कर देनी चाहिए जनरेटर प्रति सोसायटी में चलाने की।
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बता दें कि सोमवार को नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 रिकार्ड किया गया। जो कि खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। वहीं अभी से सख्त कदम नहीं उठाए गए तो हवा और भी जहरीली हो जाएगी। इसके लिए डीजल जेनरेटर सेट पर प्रतिबंध को लेकर पहली बार दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के शहरी क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही होटल, रेस्तरां और ढाबों में जलने वाले कोयले और लकड़ी पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं एनसीआर में ईंट भट्टों पर भी रोक लगा दी गई है, सिर्फ उन भट्टों को छूट दी गई है, जो जिग जैग तकनीक अपना चुके होंगे। हॉट मिक्स प्लांट व स्टोन क्रशर पर धूल न उड़े इसके उपाय करने के आदेश दिए गए हैं।
नोएडा प्राधिकरण विशेषाकार्यधिकारी अविनाश त्रिपाठी ने बताया कि सोमवार से ही सड़कों पर पानी का छिड़काव शुरू करा दिया गया है। यह छिड़काव एसटीपी से शोधित हुए पानी का किया जा रहा है। इसके लिए प्राधिकरण के दोनों महाप्रबंधक को निर्देश दिए गए हैं। महाप्रबंधकों की आेर से दसों वर्क सर्किल अधिकारियों को भी नियमों का पालन करने निर्देश दिए गए है।
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