मशीनों में लगाए गए कैमरे दरअसल, अभी मेट्रो स्टेशनों पर सामान की जांच के लिए जो स्कैनिंग मशीन लगी हैं उन्हें अपग्रेड किया जा रहा है। ये मशीनें अब यह भी पता लगा सकेंगी कि स्कैनर में किसने कौन-सा बैग डाला और पिक किया। नई फीचर्स से लैस मशीनों में विस्फोटक व ड्रग्स आदि का पता लगाने के लिए कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ ही नई मशीनें पहले के मुकाबले सामान की जल्दी स्कैनिंग भी करेंगी। नोएडा के सेक्टर-15 में रहने वाले राकेश वर्मा दिल्ली के बाराखंबा रोड़ पर एक नीजी कंपनी में काम करते हैं। इनका कहना है कि मेट्रो में सफर करने के दौरान स्कैनिंग मशीन बहुत धीरे स्कैन करती है। जिसके चलते कई बार लोगों को अपने बैग का इंतजार करना पड़ता है। लेकिन अब अगर मेट्रो में नए स्कैनर्स लगाए जा रहे हैं तो लाखों लोगों को इसका फायदा होगा।
10 साल के एक्सपीरियंस के आधार पर लग रही नई मशीन डीएमआरसी के प्रवक्ता द्वारा बताया गया कि फिलहाल सभी मेट्रो स्टेशनों पर पुरानी स्कैनिंग मशीनें लगी हुई हैं। जिन्हें अपग्रेड किया जा रहा है। इन मशीनों के काम करने के पिछले 10 साल के एक्सपीरियंस के मद्देनजर नई मशीनें लगाई जा रही हैं। इनसे चेकिंग करने वाली सीआईएसएफ और यात्री दोनों को फायदा होगा। सभी मेट्रो स्टेशनों पर मशीनों को बदलवाने पर विचार किया जा रहा है।
मशीन में होगा 360 डिग्री व्यू कैमरा प्रवक्ता द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक नई स्कैनिंग मशीनों में 360 डिग्री व्यू कैमरा लगाए गए हैं। इनमें फीड की मॉनिटरिंग रियल टाइम होगी। इन कैमरों के जरिए सीआईएसएफ देख सकेगी कि मशीन में किस यात्री ने कौन सा बैग डाला है।
नोएडा में DMRC के इतने स्टेशन जानकारी के लिए बता दें कि नोएडा में फिलहाल डीएमआरसी की दो मेट्रो लाइन के स्टेशन हैं।
Blue Line Metro के फिलहाल 6 मेट्रो स्टेशन हैं। हालांकि इस लाइन को सेक्टर-62 तक बढ़ाया जा रहा है। वहीं
Magenta Line Metro के कुल दो मेट्रो स्टेशन नोएडा में पड़ते हैं। इसके साथ ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा रूट पर Aqua Blue Metro Line का संचालन NMRC (Noida Metro Railway Corporation) द्वारा किया जा रहा है। फिलहाल इस मेट्रो का ट्रायल चालू है और जल्द ही इसे आम लोगों के लिए शुरू कर दिया जाएगा।