scriptUP में ट्रांसफर-पोस्टिंग डील में दोषी IPS अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार पर FIR, जल्द हो सकते हैं सस्पेंड | ips ajay pal sharma and himanshu kumar FIR for corruption | Patrika News
नोएडा

UP में ट्रांसफर-पोस्टिंग डील में दोषी IPS अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार पर FIR, जल्द हो सकते हैं सस्पेंड

Highlights
– विजिलेंस ने दोनों अफसरों के खिलाफ अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई
– एफआईआर में कथित पत्रकार चंदन राय, स्वप्निल राय समेत कुल पांच लोगों को आरोपी बनाया गया
– अब दोनों ही अफसरों के निलंबन पर जल्द हो सकता है फैसला

नोएडाSep 23, 2020 / 10:39 am

lokesh verma

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नोएडा. मनचाही तैनाती के लिए सौदेबाजी के आरोपों में घिरे आईपीएस अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज करा दिया है। दोनों आईपीएस समेत कुछल पांच लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। विजिलेंस ने दोनों अफसरों के खिलाफ अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई हैं। इसमें कथित पत्रकार चंदन राय, स्वप्निल राय समेत कुल पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है। बता दें कि विजिलेंस ने दोनों अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच के बाद सरकार से इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की थी। सरकार से सहमति मिलने के बाद एफआईआर दर्ज की गई है। जानकारों की मानें तो अब दोनों ही अफसरों के निलंबन पर जल्द ही फैसला हो सकता है।
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दरअसल, विजिलेंस ने सप्ताहभर पहले शासन को रिपोर्ट भेजकर दोनों अधिकारियों आईपीएस अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ लगे अधिकतर आरोपों को सही ठहराया था। सूत्रों की मानें तो अजय पाल शर्मा पर अपनी पोस्टिंग को लेकर बिचौलियों से सौदेबाजी करने के वायस सैंपल और इसी आरोप में हिमांशु कुमार के वॉटसऐप मैसेज सही होने की पुष्टि हुई है। विजिलेंस ने अफसरों के साथ ही सौदेबाजी में शामिल अन्य लोगों से भी इस मामले में पूछताछ की। इसके बाद विजिलेंस ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोपों के सभी बिंदुओं को बारीकी से जांच की। दोनों अधिकारियों के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के पर्याप्त सबूत मिलने के बाद कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई।
गौरतलब है कि नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने पांच आईपीएस अधिकारियों अजय पाल शर्मा, हिमांशु कुमार, गणेश साहा, सुधीर कुमार सिंह और राजीव नारायण पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। शुरुआती जांच में गणेश साहा, सुधीर कुमार सिंह और राजीव नारायण पर आरोप साबित नहीं हो सके थे। वहीं, अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य पाए गए थे, जिसके बाद विजिलेंस जांच की सिफारिश की गई। बता दें कि अजय पाल अभी पुलिस प्रशिक्षण स्कूल उन्नाव और हिमांशु पीएसी इटावा में तैनात हैं।

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