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शस्त्र के शौकीनों को लगा बड़ा झटका, अब हथियार रखना हुआ और मुश्किल दरअसल, विजिलेंस ने सप्ताहभर पहले शासन को रिपोर्ट भेजकर दोनों अधिकारियों आईपीएस अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ लगे अधिकतर आरोपों को सही ठहराया था। सूत्रों की मानें तो अजय पाल शर्मा पर अपनी पोस्टिंग को लेकर बिचौलियों से सौदेबाजी करने के वायस सैंपल और इसी आरोप में हिमांशु कुमार के वॉटसऐप मैसेज सही होने की पुष्टि हुई है। विजिलेंस ने अफसरों के साथ ही सौदेबाजी में शामिल अन्य लोगों से भी इस मामले में पूछताछ की। इसके बाद विजिलेंस ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोपों के सभी बिंदुओं को बारीकी से जांच की। दोनों अधिकारियों के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के पर्याप्त सबूत मिलने के बाद कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई।
गौरतलब है कि नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने पांच आईपीएस अधिकारियों अजय पाल शर्मा, हिमांशु कुमार, गणेश साहा, सुधीर कुमार सिंह और राजीव नारायण पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। शुरुआती जांच में गणेश साहा, सुधीर कुमार सिंह और राजीव नारायण पर आरोप साबित नहीं हो सके थे। वहीं, अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य पाए गए थे, जिसके बाद विजिलेंस जांच की सिफारिश की गई। बता दें कि अजय पाल अभी पुलिस प्रशिक्षण स्कूल उन्नाव और हिमांशु पीएसी इटावा में तैनात हैं।