मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीबीडीटी ने अपने बयान में कहा है कि अब तक 52 लाख रुपये के सोने व हीरे के आभूषण भी जब्त किए गए हैं। वहीं शेष गहनों के स्रोतों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। अभी जांच चल रही है। कारोबारी के सात लॉकरों की भी जानकारी मिली है। इनके बारे में भी पता लगाया जा रहा है। सभी ठिकानों से कुल 1.30 करोड़ रुपये का कैश भी जब्त किया गया है। जिनका सत्यापन किया जा रहा है।
मुखौटा कंपनियों से लिया करोडों का लोन अधिकारियों के मुताबिक छापमारी के दौरान यह भी सामने आया है कि कारोबारी द्वारा मुखौटा कंपनियों से करीब सौ करोड़ का लोन असुरक्षित रूप से लिया है। साथ ही एक चिट फंड कंपनी को भी अज्ञात स्रोतों के माध्यम से करोड़ों का अनसिक्योर्ड लोन मिला था, जो इस ग्रुप से जुड़ी है। यह बात सामने आई है कि जिन मुखौटा कंपनियों से कारोबारी द्वारा लोन लिया गया है वे केवल कागजों पर ही मौजूद हैं, जबकि उनका कोई रियल बिजनस नहीं है। चौंकाने वाले बात यह है कि इन कंपनियों में से एक का डायरेक्टर तो टैक्सी ड्राइवर है, जिसके कुल 11 बैंक खाते हैं।
50 हजार से अधिक दस्तावेज जब्त मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों द्वारा सभी ठिकानों से करीब 50 हजार से अधिक दस्तावेजों के अलावा लैपटॉप आदि सीज किए गए हैं। कई महीने से आयकर विभाग पशु आहार और चिटफंड के कामकाज पर नजर रख रहा था। इनके कार्यालय, आवास आदि की पूरी जानकारी जुटाई गई थी। साथ ही सालाना लेन-देन आदि का पूरा ब्यौरा तैयार करने के बाद विभागीय कार्रवाई की गई है।