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23 अगस्त को शुरू हो रहा विधानसभा सत्र, उससे पहले ही विपक्ष को योगी सरकार के खिलाफ मिला यह बड़ा मुद्दा वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) ने भी यह स्पष्ट किया है कि जेवर में किसानों की मर्जी के बिना जमीन अधिगृहण नहीं किया जाएगा। फिर चाहे यह प्रॉजेक्ट रद्द ही क्यों न करना पड़े। वहीं इसके लिए अब यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने जेवर के किसानों संग बैठक कर उन्हें मुख्यमंत्री की मंशा से अवगत कराया है। यह भी पढ़ें
प्रधानमंत्री की इस योजना से लाखों को मिला नौकरी का सुनहरा मौका, इतनी मिलेगी सैलरी इस बाबत यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि Jewar r international airport के संबंध में सोमवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Civil aviation ministry) के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रदेश सरकार को जमीन को लेकर 15 दिन के अंदर स्थिति साफ करने की मोहलत दी है। वहीं अगर इस पर कुछ स्पष्ट नहीं होता तो इस प्रॉजेक्ट को दूसरे राज्य में शिफ्ट किया जा सकता है। यह भी पढ़ें
आयुष्मान भारत योजना: जानिये, कौन लोग आएंगे दायरे में और कैसे मिलेगा 5 लाख का मुफ्त बीमा इतना मुआवजा देने की घोषणा डॉ. प्रभात कुमार का कहना है कि जेवर एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण अधिनियम में सर्कल रेट के दो गुना मुआवजा देने का प्रावधान है। इसके अनुसार यह रेट करीब 1806 रुपये प्रति वर्ग होता है। लेकिन सीएम योगी ने 500 रुपये बढ़ाकर 2300 रुपये प्रति वर्ग मीटर किया है। इसके अलावा किसानों को नौकरी, 5 लाख रुपये पुनर्वास, विस्थापित होने की दशा में 50 वर्ग मीटर का मकान समेत अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी। जो किसान इस सभी सुविधाओं को नहीं चाहते हैं उन्हें एकमुश्त 2500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से जमीन का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने बताया क ज्यादातर किसान अपनी जमीन देने को तैयार हैं लेकिन कुछ लोग अपनी राजनीति के चक्कर में यहां माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं। यह भी पढ़ें : यूपी के इस लड़के ने बनाई ‘दीवार के पार’ देखने की तकनीक, अब आतंकवादियों की खैर नहीं गौरतलब है कि सीएम योगी ने हाल ही में गौतमबुद्घ विश्वविद्यालय में किसानों से वार्ता की थी। इस दौरान सीएम ने किसानों से स्पष्ट कहा था कि यदि किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े रहेंगे तो यह एयरपोर्ट किसी और राज्य में शिफ्ट हो सकता है, क्योंकि दूसरे राज्य के किसान अपनी जमीन देने को तैयार हैं। वहीं जेवर के किसानों का कहना है कि वह किसी भी हालत में चार गुना मुआवजा लिए बिना जमीन नहीं देंगे।