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यात्रीगण ध्यान दें…. 12 सितंबर से चलेंगी ये ट्रेनें, टिकट बुकिंग आज से शुरू दस्तावेज जमा करने के 30 दिन के अंदर बीमा राशि (Insurance Coverage) मिल जाती है। इसके लिए बीमा कंपनी को भी मृत्यु प्रमाणपत्र, सक्सेशन सर्टिफिकेट और बैंक डिटेल देनी पड़ती है। खाते का नॉमिनी नहीं होने पर कानूनी उत्तराधिकारी रकम पर दावा कर सकता है।
गौरतलब है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) के खाताधारकों की अगर किसी बीमारी या दुर्घटना में मौत हो जाती है तो अब उनके आश्रितों को 7 लाख रुपए का बीमा मिलेगा। ईपीएफओ की कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना के तहत पहले 6 लाख रुपए थे, जिसे बढ़ाकर अब 7 लाख कर दिया गया है। बीमा बढ़ाने के लिए ईपीएफओ के केंद्रीय न्यास बोर्ड ने ईडीएलआई योजना-1976 के पैराग्राफ 22 (3) में संशोधन की मंजूरी दे दी है।
इस तरह होती है वेतन से कटौती ज्ञात हो कि संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन से ईपीएफ की राशि काटी जाती है और उतनी ही राशि कंपनी जमा करती है। वर्तमान में ईपीएफ में कर्मचारी अपने बेसिक वेतन का 12 प्रतिशत जमा करता है। इसमें से 3.67 प्रतिशत राशि ईपीएफ में और 8.33 प्रतिशत राशि ईपीएस में जमा की जाती है। ईडीएलआई योजना में भी खाताधारक को कोई प्रिमियम नहीं देना पड़ता है, बल्कि कंपनी 0.50 योगदान करती है।