राज्यसभा चुनाव परिणाम से ठीक पहले भाजपा के इस कद्दावर नेता ने सपा-बसपा गठबंधन को लेकर दिया ऐसा बयान कि पसर गया सन्नाटा जिले में हैं छह सांसद राज्यसभा चुनाव के बाद सियासी गलियारों में चर्चा हो रही है कि इस वक्त उत्तर प्रदेश के मेरठ में सबसे ज्यादा सांसद हैं। राजेंद्र अग्रवाल लोकसभा सांसद हैं। मेरठ में सरधना-मुजफ्फरनगर के सांसद संजीव बालियान मंत्री भी रह चुके हैं। सिवालखास-बागपत सांसद सत्यपाल सिंह और हस्तिनापुर-बिजनौर सांसद कुंवर भारतेंदु भी मेरठ की सीमा में ही आते हैं। अब शुक्रवार को कांता कर्दम और विजयपाल तोमर के बाद जिले में सांसदों की संख्या छह हो गई है। जिले में छह सांसद होने के कारण मेरठ का प्रदेश में झंडा बुलंद हुआ है। माना जा रहा है कि अब इस शहर के विकास को कोई नहीं रोक सकता है। इतना ही नहीं ऐसा पहली बार हुअा है कि जिले से दो राज्यसभा सांसद बने हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने शान से लहराया था सबसे ऊंचा तिरंगा, लेकिन योगी राज में हो गया घोर अपमान मेयर का चुनाव हार चुकी हैं कांता कर्दम आपको बता दें कि मेरठ से राज्यसभा पहुंची कांता कर्दम मेयर का चुनाव हार गई थीं। उन्हें बसपा की सुनीता वर्मा ने शिकस्त दी थी। इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें प्रदेश संगठन में दूसरी बार उपाध्यक्ष बनाकर दलित कार्उ खेला था। अब उन्हें राज्यसभा भेजकर भाजपा दलित वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश में है। सहारनपुर में शब्बीरपुर कांड और भीम आर्मी व जिग्नेश मेवाणी के वेस्ट यूपी में बढ़ते दखल को देखकर इलित चेहरे को मौका दिया गया। वहीं, विजयपाल तोमर किसान नेता हैं, जो काफी समय से साइड लाइन चल रहे थे।