दरअसल, मामला नोएडा सेक्टर-62 का है। जहां ट्रैफिक पुलिस चेकिंग कर रही थी। इस बीच पुलिसकर्मियों को बिना रिफ्लेक्टर लगी एक कार नजर आई । पुलिसकर्मियाें ने तुरंत कार को रोक लिया। उन्होंने कार चालक जवाब मांगा तो वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका। इस पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने उसकी कार का चालान कर दिया।
चालान कटते ही कार चालक एआरटीओ अजय मिश्रा से बहसबाजी करने लगा आैर उसने अपने एक दोस्त को फोन करते हुए मौके पर बुला लिया। बाइक से मौके पर पहुंचे उसके दोस्त ने एआरटीओ को धौंस दिखानी शुरू कर दी। इसी बीच एआरटीओ ने देखा की कार सवार युवक का दोस्त जिस बाइक से आया है उस पर तो नंबर ही नहीं लिखे हैं।
एआरटीआे ने जब युवक से नंबर प्लेट के बारे में बात की तो उसने कहा कि ढाई महीने पहले ही उसने बाइक खरीदी है और अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है। यह सुनते ही एआरटीओ ने युवक को यातायात नियमों की जानकारी देते हुए उसकी बाइक जब्त करते हुए डी पार्क में खड़ी करवा दी। इस अप्रत्याशित कार्रवाई को देख दोनों युवकों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गर्इ। इसके लिए उन्होंने अपनी गलती भी मानी, लेकिन चालान कटने के बाद क्या हो सकता था।
इस संबंध में एआरटीओ प्रवर्तन अजय मिश्रा ने बताया कि कार सवार युवक का चालान नहीं काटने की सिफारिश लेकर बाइक आया था। जबकि उसने खुद की दो माह पहले खरीदी बाइक का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। वहीं कार सवार के दस्तावेज पूरे नहीं थे। साथ उसकी नंबर प्लेट भी गलत थी। कार का चालान काटकर बाइक को जब्त कर लिया गया है।