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अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जा सकता है देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट का नाम

देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के तौर पर प्रस्तावित jewar international airport का नाम Atal Bihari Vajpayee के नाम पर रखने पर विचार विमर्श किया जा रहा है।

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अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जा सकता है देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट का नाम

नोएडा। देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के तौर पर प्रस्तावित जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (jewar international airport) को लेकर एक तरफ किसानों और प्रदेश सरकार में मुआवजे को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। इस प्रोजेक्ट के अधर में लटकने से अब जिले में लाखों लोगों के लिए रोजगार की संभावनाओं को भी ग्रहण लगने की आशंका है। वहीं केंद्र सरकार जेवर एयरपोर्ट (jewar airport) का नाम दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (atal bihari vajpayee) के नाम पर रखने पर विचार कर रही है।

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दरअसल, अटल जी की अस्थियां नोएडा पहुंचने के दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा (Mahesh sharma) ने कहा कि भारत रत्न वाजपेयी का व्यक्तित्व और कृतित्व महान था और उनके विचारों में नैतिकता थी। उनके द्वारा बताए गए रास्ते पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थानों का अटल जी पर नामकरण करने के लिए सरकार पहल कर रही है। इसके साथ ही जेवर में प्रस्तावित एयरपोर्ट का नाम अटल जी के नाम पर ही रखने पर विचार विमर्श भी किया जा रहा है।

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गौरतलब है कि जेवर के किसान (jewar farmers) योगी सरकार द्वारा दिए जा रहे मुआवजे से असहमत हैं। जिसके बाद से यमुना प्राधिकरण के अधिकारी व प्रशासन किसानों को मनाने में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही कई संगठन भी किसानों को मनाने के लिए आगे आई हैं। वहीं प्रदेश के इस सबसे बड़े प्रोजेक्ट के अधर में लटकने से लाखों लोगों के रोजगार पर भी तलवार लटक रही है। कारण, जिले में जेवर एयरपोर्ट को अनुमति मिलने के बाद यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक निवेश को लेकर तेजी से रूची बढ़ी है।

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यहां निवेश के लिए देश-विदेश की कंपनियों ने प्राधिकरण को भूखंड आवंटन का प्रस्ताव दिया था। इनमें मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, रेडीमेड गार्मेंट, फिटिंग उपकरण, फर्नीचर, ई-वेस्ट के कारोबार से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं। जिसके बाद चर्चाएं हैं कि यदि एयरपोर्ट किसी और जगह शिफ्ट होता है तो यह कंपनियों का निवेश भी प्रभावित हो सकता है।

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वहीं दूसरी तरफ अब बुलंदशहर के किसानों ने भी इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट (international airport) के लिए जमीन देने का प्रस्ताव दिया है। लोगों ने इसके लिए यमुना प्राधिकरण के सीईओ से आग्रह किया है। बुलंदशहर के किसानों का कहना है कि दिल्ली से 90 किमी दूर होने पर वहां ये इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने में किसी तरह की अड़चन नहीं होगी। इसके लिए उन्होंने सीईओ डा. अरुणवीर सिंह को सहमति पत्र सौंपा है।