उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ओमिक्रोन के खतरे को भांपते हुए क्रिसमस और नए साल के जश्न के साथ राजधानी में विभिन्न किसान संगठनों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए धारा 144 लगाने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही रेस्टोरेंट, जिम, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स और होटल भी 50 फीसदी क्षमता के साथ ही खोले जा सकेंगे। इसके अलावा मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन नहीं करने पर भी कार्रवाई की बात कही जा रही है।
यह भी पढ़ें- किसान आंदोलन खत्म करने का ऐलान, जानिये कब खुलेगा दिल्ली बॉर्डर जबकि लोग सड़कों पर खुलेआम बगैर मास्क के झुंडों में घूम रहे हैं। बसों में कहीं पर भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन नहीं हो रहा है। बाजारों में बगैर मास्क लोग कंधे से कंधा सटाकर घूम रहे हैं, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।
सीआरपीसी की धारा-144 किसी भी आपात स्थिति से बचने या शांति व्यवस्था बनाने के लिए वहां लगाई जाती है। जहां किसी तरह से सुरक्षा, स्वास्थ्य संबंधी या फिर दंगे की आशंका होती है, लेकिन यूपी में धारा 144 सिर्फ कागजों में सिमटकर रह गई है। पुलिस को चाहिए कि वह लोगों को जागरूक करते हुए सख्ती के साथ इसका पालन कराए। (लो.व.)