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Tokyo Paralympics : सिल्वर मेडल जीतकर देश के पहले नौकरशाह बने DM Suhas LY, पीएम मोदी और सीएम योगी ने दी बधाई

Tokyo Paralympics 2020 : DM Suhas LY के टोक्यो पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीतने पर पत्नी एसडीएम रितुु सुहास ने कहा सिल्वर मेडल जीतकर वह काफी खुश हैं। उनका सपना पैरालंपिक में भारत के लिए खेलना था।

नोएडाSep 05, 2021 / 12:04 pm

lokesh verma

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नोएडा. गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई (DM Suhas LY) टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics 2020) में पदक जीतने वाले पहले आईएएस अधिकारी भी बन गए हैं। उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल (Silver Medal) अपने नाम किया है। हालांकि फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सुहास एलवाई रविवार को फाइनल रोमांचक मुकाबले में फ्रांस के अपने प्रतिद्वंद्वी लुकास माजुर से हार गए। लुकास ने उन्हें एस एल-4 क्लास मुकाबले में 15-21, 21-17 21-15 से हराया। सुहास से सबको गोल्ड मेडल जीतने की बड़ी उम्मीदें थीं। सुहास के सिल्वर मेडल जीतने के साथ भारत को पैरालिंपिक में 18वां पदक मिल गया। सुहास की सफलता पर पत्नी रितु सुहास ने कहा है कि सिल्वर मेडल जीतकर वह काफी खुश हैं। उनका सपना पैरालंपिक में भारत के लिए खेलना था।
बता दें कि सुहास एलवाई देश के पहले ऐसे नौकरशाह हैं, जिन्होंने पैरालंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया है। डीएम सुहास एलवाई 2007 के बैच के आईएएस अफसर हैं। प्रशासनिक सेवा में कार्यरत लोग अमूमन शौक के लिए खेलते हैं, लेकिन गौतमबुद्ध नगर के डीएम ने इस बात को झुठला दिया। सुहास खुलासा करते हैं कि वह कॉलेज के दिनों से रोजाना बैडमिंटन खेलते आ रहे हैं। 38 साल के सुहास नोएडा के जिला अधिकारी हैं। उनके एक टखने में परेशानी है। डीएम सुहास ने बताया था कि बचपन में ही उनके पिता ने उनमें ऐसा कूट-कूटकर आत्मविश्वास भरा कि इंजीनियरिंग से आईएएस और यहां से पैरा शटलर के रास्ते खुलते गए। सुहास के मुताबिक उन्हें मेडिटेशन की जरूरत नहीं पड़ती। जब वह कोर्ट पर होते हैं तो उन्हें आध्यात्म का अनुभव होता है। बैडमिंटन ही उनके लिए ध्यान और साधना है।
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बैडमिंटन ही ध्यान और साधना

सुहास एक कंप्यूटर इंजीनियर से आईएएस अधिकारी बने हैं। 2020 से नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात हैं। यह ऐसी भूमिका थी, जिसमें उन्हें कोविड-19 महामारी से लड़ाई में सबसे आगे देखा गया। जिलाधिकारी जैसे पद की अहम जिम्मेदारी होने के बावजूद सुहास बैडमिंटन के लिए समय निकाल लेते हैं। वह कहते हैं कि दुनिया में लोगों के पास 24 घंटे ही हैं। इनमें कई सारे काम कर लेते हैं और कुछ कहते हैं कि उनके पास समय नहीं है। किसी चीज के प्रति दीवानापन है तो उसे करने में तकलीफ नहीं होती। इसी तरह बैडमिंटन उनके लिए एक आध्यात्मिक अनुभव है।
सपने में भी नहीं सोचा था ऐसा दिन आएगा

सुहास के मुताबिक, पैरालंपिक में देश का प्रतिनिधित्व गर्व-गौरव की बात है। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी जिंदगी में यह दिन आएगा। सुहास की पत्नी और गाजियाबाद की एडीएम रितु सुहास ने कहा कि हमारे लिए वो जीत चुके हैं। उन्होंने बहुत अच्छा खेला और देश का नाम रोशन किया है। हमें उन पर गर्व है। ये पूरे देशवासियों के लिए हर्ष का विषय है। सुहास की पत्नी रितु सुहास ने बताया कि सिल्वर मेडल जीतकर वह काफी खुश हैं। उनका सपना पैरालंपिक में भारत के लिए खेलना था। सुहास की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है।
पीएम से बात करके गौरवान्वित हूं

नोएडा के डीएम सुहास एलवाई के सिल्वर मेडल जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे बात करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। पीएम मोदी से बातचीत के दौरान डीएम सुहास एलवाई बहुत खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि वह देश के प्रधानमंत्री से बात करके गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

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