मैंने सौरभ को फोन लगाया और कहा – बेटा सिर्फ सुविधा मत देखो, जल्दबाजी मत करो, अनजाने में आपराधिक कृत्य कर बैठोगे। मृतक के एटीएम से उसकी मृत्यु का तथ्य जानते हुए भी पैसे निकालना गैर कानूनी है, और मृत्यु के पश्चात उसके चेक से पैसे निकालना भी। व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात खाते से सारे परिचालन तुरंत बंद करें, बैंक को तुरंत मृत्यु प्रमाण-पत्र के साथ सूचना दें। इस सूचना के बाद बैंक उस खाते को बंद करके नामांकिति के खाते में पूरा पैसा हस्तांतरित कर देगा। फिर नामांकिति उस धनराशि का, यदि वसीयत है तो उस तरीके से और अगर वसीयत नहीं है तो उत्तराधिकार कानून के अनुसार, बंटवारा कर सकता है। प्रक्रिया दो-तीन दिन में ही पूरी हो जाती है, इसी तरह से इस मामले को निपटाएं। सौरभ ने बात समझ ली थी।
ध्यान रखें कानूनी प्रतिनिधियों को मृत्यु की सूचना बैंक को तुरंत देनी चाहिए ताकि मृतक की जमा पूंजी की सुरक्षा हो सके। सूचना मिलते ही बैंक सभी क्लीयरिंग में आए चेक लौटा देता है और डेबिट-क्रेडिट कार्ड ब्लॉक कर देता है। अगर किसी ने मृतक के एटीएम का उपयोग किया और किसी ने इस पर आपत्ति ले ली तो अमानत में खयानत का मामला बन जाएगा। सावधानी रखें।
(लेखक सीए, ऑडिटिंग एंड अकाउंटिंग स्टैंडर्ड व कंपनी मामलों के जानकार हैं)