कोरोना महामारी की बेकाबू दूसरी लहर से देशभर की जनता डरी हुई है। हर व्यक्ति चाहता है कि पूर्णतया लॉकडाउन नहीं हो। जनता अभी पूर्व में लगाए लॉकडाउन के दुष्परिणामों से ही उबर नहीं पाई है। आर्थिक मंदी की मार झेल रही जनता की सरकार से यही अपेक्षा है कि सरकार लॉकडाउन की जगह दूसरे विकल्पों पर विचार करे, जिससे कि संक्रमण को रोकने के साथ-साथ आम जिन्दगी भी चलती रहे।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। जिस समस्या का कोई हल न हो तो पूर्व में किए गए प्रयासों के आधार पर आगे बढऩा पड़ता है। पूर्व में लॉकडाउन से ही कोरोना संक्रमण पर काबू पाया जा सका था। इस महामारी में हम सभी को धैर्य और साहस के साथ शासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों में संकल्प शक्ति के साथ अपेक्षित सहयोग करना चाहिए। बिना काम के बाहर न जाएं, घर में रहें, सुरक्षित रहें। बाहर जाने पर चेहरे पर मास्क लगाएं और दो गज की दूरी का ध्यान रखें।
-तेजनारायण श्रीवास्तव, गंजबासौदा
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पटरी से उतर जाएगी अर्थव्यवस्था
लॉकडाउन लगाने से कोरोना वायरस पर काबू हो या नहीं हो, पर अर्थव्यवस्था फिर पटरी से अवश्य उतर जाएगी। जब तक हम बाहर घूमने, बाहर खाना खाने, पार्टी करने, मनोरंजन के लिए बाहर निकलने, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने जैसी अनावश्यक गतिविधियों से बाज नहीं आएंगेे, ऐसी महामारी को बढऩे से रोकना मुश्किल होगा। अनावश्यक व कम महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों पर लॉकडाउन से महामारी पर नियंत्रण में मदद मिलेगी। वैक्सीन लगवाकर एवं कोविड-19 के सुरक्षात्मक उपायों को अपनाकर इस महामारी से अवश्य बचाव हो सकता है।
-डॉ. संदीप सिंह मुंडे, श्रीगंगानगर
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वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अभी एक मात्र विकल्प नजर आता है लॉकडाउन। विगत कुछ दिनों से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में कोरोना के कारण हालात बिगड़ रहे हैं। सरकारी आंकड़े भले ही मौत कम बताएं, लेकिन मोक्षधाम में भी अंतिम संस्कार के लिए लाइन लग रही है। जरूरी दवाइयां मिलना मुश्किल हो रहा है, अस्पतालों में जगह नहीं है और लोग मौत के मुंह में समा रहे हैं। जनता की जान बचाने का एकमात्र रास्ता है लॉकडाउन।
-सोनिका हेड़ाऊ, बैतूल, मध्यप्रदेश
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लॉकडाउन से इस महामारी पर अंकुश लगाया जा सकता है, लेकिन शर्त यह है कि लॉकडाउन सभी पर एक समान लागू हो। इसमें सरकार कोई भेदभाव नहीं करें। सरकार ने चुनावी और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए जो छूट दी, यह उसी का नतीजा है कि आज हालात बिगड़ रहे हैं। सरकार आमजन को विश्वास में लेकर फैसला करे, तभी हम इस महामारी की जंग को जीत पाएंगे।
-लईक अहमद, सिरोही
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निर्देशों की पालना जरूरी
लॉकडाउन की अनुपालना यदि स्वेच्छा, समझदारी एवं योद्धा की तरह से कर ली जाए तो कोरोना की चैन को तोड़ा जा सकता है। मुश्किल यह है कि अनुशासनहीनता हमारी आदत बन चुकी है और लापरवाही स्वभाव। ऐसे में सरकारी तंत्र फेल हो जाता है। मास्क लगाना एवं सामाजिक दूरी बनाए रखना जैसे साधारण एवं आसान काम में भी लापरवाही। हम स्वयं एक साधक की तरह साधना करें एवं संकल्प करें कि लॉकडाउन निर्देशों का पालन करना है, तभी कोरोना पर काबू पाया जा सकता है।
-नरेन्द्र कुमार शर्मा, जयपुर
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लॉकडाउन ही कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने का उपाय नहीं है। लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण को पूरी तरह से नहीं रोका जा सकता है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए वैक्सीनेशन, मास्क एवं दो गज की दूरी के साथ दूसरी तरह की सावधानी भी बरतनी है। लॉकडाउन नहीं, बल्कि सावधानी में समझदारी है।
-नितिन गुप्ता, शिवपुरी, मध्यप्रदेश
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लॉकडाउन से कोरोना पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है, लेकिन जनता जागरूक नहीं रहेगी तो लॉकडाउन का भी मतलब नहीं। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन का उपयोग बेहद जरूरी है ।
-संजय पटेल, रायपुर
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लॉकडाउन लगाने पर वंचित लोगों की रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा। मुश्किल यह है कि सरकार के लाख समझाने बाद भी लोग मास्क नहीं लगा रहे और लापरवाही कर रहे हैं। इसके कारण कोरोना लगातार फैल रहा है। अगर लोगों ने लापरवाही नहीं छोड़ी, तो सरकार को मजबूरन लॉकडाउन लगाना ही पड़ेगा।
-शैलेंद्र गुनगुना, झालावाड़
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देश में कोरोना की दूसरी लहर चरम पर पहुंचने को आतुर है। अब जरूरी है कि सरकार सख्ती बरतेे। लॉकडाउन से देश की आर्थिक स्थिति तथा आमजन की आजीविका प्रभावित होगी। लॉकडाउन असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए तो तबाही लेकर आएगा।
-सी.पी.गोदारा, ओसियां, जोधपुर
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लॉकडाउन कोरोना पर काबू पाने का सटीक हल नहीं है। लॉकडाउन लगाकर इस वायरस की बढ़ती चैन को तो रोक सकते हैं, परंतु इसे खत्म नहीं कर सकते। लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उद्योग-धंधों और कारखानों, पर विपरीत असर पड़ता है। इससे कामगारों की स्थिति बिगड़ती है। पिछले लॉकडाउन का अनुभव भी यही है। इसलिए लॉकडाउन जैसा कदम न उठाकर गाइडलाइन की सख्ती से पालना करवाई जाए। इसके लिए प्रत्येक जिला, तहसील, ग्राम स्तर पर एक टीम का गठन करना चाहिए। साथ ही अधिक से अधिक सैंपलिंग, वैक्सीनेशन करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि कोरोना पर पूर्ण रूप से काबू पाया जा सके।
-मुरली मनोहर पुरोहित, बीकानेर