नई दिल्लीPublished: Jul 01, 2021 08:43:21 am
विकास गुप्ता
मरीजों के साथ संवेदनशील व्यवहार करना, उनकी पूरी बात ध्यान से सुनना और मधुरता से बोलना भी इलाज का हिस्सा होना चाहिए ।
डॉ. सुरेश पाण्डेय (चिकित्सक और कई पुस्तकों के लेखक)
आज 1 जुलाई को समूचे भारत में डॉक्टर्स-डे Doctors day मनाया जा रहा है। यह ऐसा अवसर है, जब हर कोई चिकित्सकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है। चिकित्सक रोगी को मौत के मुंह से भी खींच लाते हैं। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान खासतौर पर सरकारी चिकित्सकों और पैरामेडिकल नर्सिंग स्टाफ ने जिस प्रकार से अपने प्राणों की बाजी लगाकर रोगियों की सेवा की है, उससे चिकित्सकों के प्रति सहज ही आदर भाव पैदा होता है। महामारी से लड़ते हुए कई चिकित्सकों ने अपने प्राणों की आहुति तक दे दी। यही वजह है कि आज भी चिकित्सकों के प्रति लोगों में सम्मान का भाव है। इसके बावजूद कई बार अस्पतालों में चिकित्सकों और मरीजों के परिजनों के बीच मारपीट के मामले सामने आते रहते हैं। इससे साफ है कि चिकित्सकों और मरीजों के बीच विश्वास का रिश्ता कमजोर होता जा रहा है।