दूसरा, हमें मूलभूत आध्यात्मिक मूल्यों पर एक ऐसी व्यावहारिक आम सहमति बनानी होगी, जो हर एक मनुष्य के हृदय को स्पर्श करे और मानवीय सुख को बढ़ावा दे। इसका अर्थ यह है कि हमें सभी धर्मों में विद्यमान मानवीय आदर्शों पर बल देना चाहिए। ये दो चरण हमें व्यक्तिगत तौर पर और एक साथ मिलकर विश्व शांति के लिए आवश्यक आध्यात्मिक परिस्थितियां तैयार करने के कार्य में सहायक होंगे।
हम विभिन्न धर्म के अभ्यासी मिलकर विश्व शांति के लिए काम कर सकते हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण बात है धर्म के उद्देश्य की ओर देखना, न कि उसके धर्मशास्त्र और तत्त्व मीमांसा के विस्तृत रूप की ओर। विश्व में जितने भी धर्म है, वे विश्व शांति में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।