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Leadership: गेमिफिकेशन से बढ़ें स्वायत्तता, क्षमता व संबद्धता

जैसे-जैसे टीमें गेमिफाइड ढांचे के भीतर लक्ष्य निर्धारित करती हैं, नेतृत्व और प्रभावी होता जाता है

Dec 18, 2023 / 10:58 pm

Nitin Kumar

Leadership: गेमिफिकेशन से बढ़ें स्वायत्तता, क्षमता व संबद्धता

Leadership: गेमिफिकेशन से बढ़ें स्वायत्तता, क्षमता व संबद्धता

प्रो. हिमांशु राय
निदेशक, आइआइएम इंदौर
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हम जब भी कोई खेल खेलते हैं और लेवल पार करने के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हैं, तो हम डरते नहीं। क्यों? क्योंकि हम जानते हैं कि ये खेल का नियम है – आगे बढ़ना, स्कोर बढ़ाना, और जीतना या हारना। हम जीत जाते हैं तो अगले लेवल पर आ जाते हैं। हारने पर हम फिर से शुरुआत करते हैं। प्रबंधन के क्षेत्र में इसे ‘गेमिफिकेशन’ के माध्यम से समझा जा सकता है। ये एक तरीका है जो सामान्य कामकाजी जिंदगी में भी गेमिंग जैसा उत्साह लाता है। ऑफिस में दैनिक कार्यों को रोमांचक बनाता है, कर्मचारियों की सोच को समृद्ध करता है और उन्हें नया सोचने के लिए प्रेरित करता है। यह सभी को समाधान खोजने या चुनौतियों से निपटने के बाद ‘रिवॉर्ड’ के समान खुशी और संतुष्टि प्राप्त करने में सहायक होता है।
इसकी मदद से, लीडर अपनी टीम के सदस्यों के बीच प्रेरणा और जोश जगा सकते हैं। जिस तरह एक गेम डिजाइनर एक ऐसा अनुभव तैयार करता है जो खिलाडिय़ों को लुभाता है, उसी प्रकार एक दूरदर्शी लीडर भी अपनी संगठनात्मक रणनीति में ‘गेमिफाइड’ तत्वों को शामिल कर सकता है, जो सामान्य स्थितियों को असाधारण में बदल सकता है। नेतृत्व के ‘खेल’ में, ‘पॉवर अप’ मात्र प्रेरित करने, सभी को समग्र लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक साथ शामिल करने और कार्यों के निष्पादन में ही नहीं, बल्कि एक गहन और सम्मोहक अनुभव के आयोजन में निहित है।
वर्तमान समय में गेमिफिकेशन कॉर्पोरेट जगत में भी तेजी से प्रचलित हो रहा है। खिलाडिय़ों, यानी सभी कर्मचारियों के बीच प्रेरणा विकसित करने में गेमिफिकेशन की भूमिका पर सभी लीडरों का ध्यान गया है, पर इसके लिए पहले हमें आत्मनिर्णय सिद्धांत (एसडीटी यानी सेल्फ डिटरमिनेशन थ्योरी) को समझना होगा। एडवर्ड एल. डेसी और रिचर्ड रयान द्वारा विकसित, यह एक साइकोलॉजिकल धारणा है जो व्यक्ति की स्वायत्तता, क्षमता और संबद्धता को दर्शाती है। स्वायत्तता यानी कार्यों और विकल्पों पर नियंत्रण रखने की इच्छा, क्षमता यानी अपनी गतिविधियों में प्रभावी और सक्षम महसूस करने की आवश्यकता और संबद्धता यानी दूसरों के साथ जुड़ाव की इच्छा। यह एक अच्छा लीडर बनने के लिए आवश्यक है, और लीडर की निपुणता और सार्थक संबंधों को बनाने में मददगार है। आइए जानते हैं ये तीनों क्या है, इनके क्या प्रभाव हैं:
1. स्वायत्तता: गेमिफिकेशन अक्सर व्यक्तियों को विकल्प चुनने, लक्ष्य निर्धारित करने और प्रगति का श्रेय स्वयं लेने की अनुमति देकर स्वायत्तता की भावना प्रदान करता है। कार्यस्थल पर कर्मचारियों को खेल-आधारित वातावरण में अपने कार्यों को समझने और अपने स्तर पर कार्य करने की स्वतंत्रता से उनमें नियंत्रण की भावना बढ़ सकती है। जैसे-जैसे टीमें चुनौतियों का सामना करती हैं व गेमिफाइड ढांचे के भीतर लक्ष्य निर्धारित करती हैं, नियंत्रण व विकल्प की भावना संगठनात्मक परिदृश्य में व्याप्त हो जाती है।
2. क्षमता: इसी प्रकार, गेमिफिकेशन व्यक्तियों को उनके कौशल स्तरों से मेल खाने वाली चुनौतियां प्रदान करके सक्षमता की आवश्यकता का समर्थन कर सकता है। यानी जो कर्मचारी जिस कार्य में कुशल हो, उसे वह कार्य सौंपा जाए, और वह अपने कौशल के अनुसार चुनौतियों का सामना करे। जैसे-जैसे वे स्तरों के माध्यम से आगे बढ़ते हैं, रिवॉर्ड अर्जित करते हैं, या लक्ष्यों को पूरा करते हैं, वे उपलब्धि की भावना का अनुभव करते हैं। इससे सक्षमता की भावना का विकास होता है।
3. संबद्धता: गेमिफिकेशन में सामाजिक तत्व, जैसे टीमों की चुनौतियां, लीडरबोर्ड या एक साथ मिलकर प्राप्त करने वाले लक्ष्य, संबद्धता की आवश्यकता को संबोधित करते हैं। समुदाय और साझा लक्ष्यों की भावना को बढ़ावा देकर, गेमिफिकेशन एक सामाजिक संदर्भ बनाता है जो प्रेरणा को बढ़ा सकता है।

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