आइएसआइएस का खतरा अन्य ऐसे संगठनों के मुकाबले ज्यादा बड़ा है। दरअसल यह संगठन आतंकवाद को एक नए दौर में ले जा रहा है। जहां अन्य आतंकी संगठनों को अपनी करतूतों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए खुद को शामिल करना होता है, वहीं आइएसआइएस धर्म के नाम पर लोगों का दिमाग ऐसे बदल देता है कि वे आतंकी वारदात के लिए खुद प्रेरित होते रहते हैं। इससे प्रभावित युवा नए-नए संगठन बनाकर अपना सब कुछ दावं पर लगा रहे हैं। हालांकि इसका असर भारत में ज्यादा नहीं है। पिछले दिनों केरल व कुछ अन्य स्थानों पर आइएसआइएस से प्रभावित कुछ युवकों के बारे में छिटपुट सूचनाएं आईं, पर असर नगण्य ही माना जाता रहा। लेकिन, देश की राजधानी और उत्तरप्रदेश जैसे बड़े राज्य में इसका माड्यूल सामने आने के बाद अब हमें इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। सबसे पहले यह सोचना जरूरी है कि इस नई समस्या की जड़ों को खाद-पानी कहां से मिल रहा है?
किसी भी युवक के लिए 20 से 30 साल की उम्र अपने लक्ष्य का पीछा करने का सर्वोत्तम समय है। इससे पहले का समय लक्ष्य तय करने का होता है। इस अवधि में जो लक्ष्य तय नहीं कर पाते, उनके भटकने की आशंका ज्यादा रहती है। यह कहना औचित्यहीन है कि एनआइए की छापेमारी में पकड़े गए दसों युवक भटके हुए हैं, पर यह जरूर विचार किया जाना चाहिए कि वे क्यों भटके हैं? अब तक बेरोजगारी एक बड़ी वजह मानी जाती रही है। ‘मरता क्या न करता’ जैसी कहावतों से इसे एक हद तक जायज भी ठहरा दिया जाता है। अब आइएसआइएस आतंकवाद को जिस नए दौर में ले जा रहा है, उसमें पढ़े-लिखे और आर्थिक रूप से सक्षम युवकों का शामिल होना चकित करता है। इसकी एक संभावित वजह जीवन में भौतिकतावादी मूल्यों का सिर चढ़कर बोलना भी है। जीवन-यापन व निश्चित लक्ष्य के लिए अधिक से अधिक कमाने के साथ नैतिक मूल्यों का समावेश भी जरूरी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारी शिक्षा-पद्धति में नैतिक मूल्यों के लिए आमतौर पर कोई जगह नहीं रह गई है। नैतिक शिक्षा के नाम पर धार्मिक शिक्षा दे दी जाती है, जबकि धर्म की सर्वमान्य परिभाषा तय करना आज भी उतना ही कठिन है जितना पहले था। ऐसी शिक्षा लेने वाले युवा धार्मिक कट्टरपंथ के प्रभाव में आ जाते हैं। अच्छे-बुरे का ज्ञान कराना एक बात है और जो हमारे जैसे नहीं हैं वे हमारे शत्रु हैं, यह बताना दूसरी बात। दुनिया के तमाम कट्टरपंथी संगठन यही सिखा रहे हैं। पिछले कुछ दशकों में इस दूसरी बात का जोर पकडऩा हमारे भविष्य के लिए खतरनाक है।