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ओपिनियन

Patrika Opinion : ताकि क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर न हो धोखा

एक वर्ष में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में जहां 73 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, वहीं इससे जुड़े धोखाधड़ी के मामले 200 प्रतिशत बढ़ गए। चिंताजनक बात यह है कि क्रिप्टोकरेंसी अपराधियों और आतंकियों केे लिए वरदान साबित हो रही है। इसलिए यदि सरकार क्रिप्टोकरेंसी का नियमन करती है, तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए।

नई दिल्लीNov 25, 2021 / 09:36 am

Patrika Desk

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भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कानून बनाने की दिशा में तेजी से काम शुरू हो चुका है। संसद के शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित विधेयक को सदन के पटल पर रखा जाएगा। इस विधेयक को क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 नाम दिया गया है। हालांकि, अभी विधेयक की रूपरेखा पूरी तरह से सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को सरकार प्रतिबंधित कर सकती है। यही वजह है कि ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी दबाव में हैं। विधेयक में सरकारी क्रिप्टोकरेंसी बनाने की दिशा में आगे बढऩे का प्रावधान भी किया गया है। देखना यह है कि यह कब तक अस्तित्व में आती है।

क्रिप्टोकरेंसी आभासी या डिजिटल मुद्रा है, जिसे छुआ नहीं जा सकता। इंटरनेट के गर्भ से जन्मी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक वर्ग बहुत उत्साहित है। उसे लगता है कि इसमें निवेश करके वह जल्दी अमीर बन जाएगा। अपराध जगत के लिए तो यह बहुत उपयोगी साबित हुई है, क्योंकि सरकारों की नजर में आए बिना विश्व के हर हिस्से में पैसे का लेन-देन आसान हो गया है। भारत में भी बड़ी संख्या में लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रखा है। इसलिए नोटबंदी की तर्ज पर यदि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित कर दिया गया, तो लाखों लोगों के करोड़ों रुपए डूब जाएंगे। संभव है कि ऐसे लोगों को कुछ समय दिया जाए और एक समय सीमा के बाद भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध संबंधी प्रावधान लागू किए जाएं।
सरकारों की निगरानी की जद में नहीं होने के कारण क्रिप्टोकरेंसी में किया गया निवेश कभी भी धोखा दे सकता है। फिर यह पूरी तरह तकनीक पर आधारित है। इसलिए इस क्षेत्र में काम करने के लिए तकनीक की समझ भी आवश्यक है।
भारत के लोग अभी शेयर बाजार में ही धोखा खा जाते हैं, तो क्रिप्टोकरेंसी जैसी तकनीक आधारित मुद्रा तो उनकी मुश्किल बढ़ाने वाली है। इस क्षेत्र में खतरे का अनुमान इस आंकड़े से लगाया जा सकता है कि एक वर्ष में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में जहां 73 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, वहीं इससे जुड़े धोखाधड़ी के मामले 200 प्रतिशत बढ़ गए। चिंताजनक बात यह है कि क्रिप्टोकरेंसी अपराधियों और आतंकियों केे लिए वरदान साबित हो रही है। इसलिए यदि सरकार क्रिप्टोकरेंसी का नियमन करती है, तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए। यह अलग बात है कि प्रतिबंध के बावजूद इसका पूरी तरह इस्तेमाल रोक पाना मुश्किल होगा, लेकिन इससे वे लोग तो जरूर सावधान हो जाएंगे जो देखा-देखी क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगा रहे हैं।

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