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जिलों के झंडाबरदार

निगहबान  

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Sandeep_purohit

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संदीप पुरोहित

राजस्थान में 19 नए जिले और तीन नए संभाग बने हैं। मारवाड़ को 5 नए जिले और एक संभाग की सौगात मिली है। जिलों की घोषणा के बाद पहली बार जोधपुर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार में निर्यात एवं निवेश के माहौल की जमकर ब्रांडिंग की। इसी बीच मुख्यमंत्री रोबोटिक सर्जरी के लिए मथुरादास माथुर अस्पताल को 48 करोड़ रुपए भी दे गए। गुड गवर्नेंस के लिए जोधपुर को दो जिलों में बांटा गया। जिसका जश्न कांग्रेसी नेताओं ने खूब मनाया। गहलोत सरकार के मास्टर स्ट्रोक का श्रेय लेने की पूरे मारवाड़ में होड़ मची है। कांग्रेस के सभी नेता स्वघोषित झंडाबरदार बने हुए हैं। चुनावी वैतरणी पार लगाने का इसे अचूक नुस्खा जो माना जा रहा हैं। नागौर से अलग कर डीडवाना-कुचामन को जिला बनाया है। जिला मुख्यालय को लेकर डीडवाना के विधायक चेतन डूडी और नावां के विधायक महेन्द्र चौधरी के बीच जंग छिड़ी हुई है। विधायक डूडी समर्थकों के साथ हाथी पर सवारी निकाल चुके। वहीं बालोतरा को जिला बनवाने के लिए लंबे समय से नंगे पांव धूम रहे मदन प्रजापत की तपस्या सफल हो गई। वहीं पाली को संभाग मुख्यालय बनाए जाने पर कांग्रेस-भाजपा दोनों दलों के नेता चौंक गए। जालोर जिले में खींचतान चल रही है। सांचौर को जिला बनाने के बाद भीनमाल में असंतोष है। भीनमाल में भाजपा के विधायक कांग्रेसी नेताओं पर भागदौड नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। सांचौर में जिला बनाने का झंडाबरदार विधायक सुखराम विश्नोई बने हुए हैँ। उनके समर्थक खुशी का इजहार कर रहे हैं। चुनाव में ये जिलों के झंडाबरदार कितने कामयाब होंगे, यह तो काल के गर्भ में छिपा है पर फिलहाल स्वघोषित झंडाबरदार सियासी दांवपेंच के बीच आनंद की अनुभूति में डूबे हुए है।