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नौरतन

कलियुगी ज्ञानी बड़ी वकालत कर रहे हैं कि एक दम्पती को चार पुत्र पैदा करने चाहिए।
ये बड़े नादान हैं।

Jan 22, 2015 / 04:19 pm

Rakesh Mishra

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कलियुगी ज्ञानी बड़ी वकालत कर रहे हैं कि एक दम्पती को चार पुत्र पैदा करने चाहिए। ये बड़े नादान हैं। अजी हम से पूछिए तो आपको सही संख्या बताते हैं। हमारा मत है कि समझदार पिता को कम से कम नौ पुत्र उत्पन्न करने चाहिए। इन पुत्रों को अपने-अपने धंधे लगा दिया तो फिर दसों अंगुलियां घी में और सिर कड़ाही में होेगा। तब इस प्रतियोगी संसार में सुखी जिन्दगी जीने के लिए गधे की तरह मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।

तो सुनिए नौ पुत्रों की विस्तृत दास्तान। प्रथम पुत्र को राजनीति में डाल दें। अगर किस्मत से कहींं जीता गया तो वारे-न्यारे हैं। दूसरे को “दलाली” की शिक्षा दिलवाएं। आजकल बगैर दलाल के कोई कार्य सिद्ध नहीं हो सकता। ये लोग “जमीन से लेकर जोरू” तक सब कुछ बेच-खरीद सकते हैं। तीसरे पुत्र को ऎसा “चमचा” बनाना जो चिपकने में एक्सपर्ट हो। जैसे गरम पतीली में उबलती सब्जी को चमचे द्वारा आसानी से निकाला जा सकता है वैसे ही कहीं भी फंसे काम को चमचा मजे से करवा सकता है। चौथे पुत्र को अभिनेता बनाना श्रेयस्कर रहेगा। आजकल फिल्मों की धूम है।

अरबों का कारोबार कर रही हैं। अगर चौथा पुत्र फिल्मी दुनिया में सफल हो गया तो फिर दाम और नाम दोनों ऎसे पड़े मिलेंगे जैसे शहर के चौराहों पर कूड़ा-कचरा। पांचवें पुत्र को देश-विदेश की राजधानियों और राष्ट्रपतियों के नाम रटा कर अफसर बना देना। इसके लिए चाहे पब्लिक सर्विस कमीशन में सांठगांठ कर पेपर आउट ही क्यों न कराने पडें। छठे पुत्र को बगैर सोचे-समझे नई यूनिवर्सिटी का वीसी बना देना। बड़े आराम से फर्जी डिग्रियां बेचेगा। इस कार्य से उसे कितना पुण्य मिलेगा। बेचारे जो बाप अपने मूर्ख बेटे की वजह से अनपढ़ पुत्र के पिता कहलाते हैं उन्हें कितनी आसानी होगी।

उनके बुद्धूबेटों को लक्ष्मी जैसी सुन्दर और धनवान पत्नी इन फर्जी डिग्रियों की बदौलत मिल जाएगी। रही सातवें पुत्र की बात तो उसे एक पीत पत्रकार बना देना। मजे से “दनादन टाइम्स” नामक धांसू अखबार निकालेगा। कार-स्कूटर आदि पर “प्रेस” का स्टीकर चिपका कर बेखौफ घूमेगा जिसे सचिवालय सहित टोल टैक्स पर फ्री में घूमने-फिरने, खाने-पीने की छूट रहेगी। सरकारी लैपटॉप और घटी दरों पर भूखण्ड मिलेंगे सो अलग।

आठवें पुत्र को “एनजीओ” खुलवा देना। आजकल सरकार से बहुत-सा बेनामी फंड मिलता है। हींग लगे न फिटकरी और रंग चोखा आएगा। अब बचा आखिरी नौवां पुत्र तो उसे बेझिझक उपदेशक बना देना। बड़े धारा प्रवाह प्रवचन देगा। हिट बाबा बनेगा, चेले-चेलियां पालेगा, सौन्दर्य प्रसाधन और शक्तिवर्द्धक टॉनिक बेचेगा। इसलिए हे इस देश के स्त्री-पुरूष्ाो आप लोगों को बगैर धेला लिए हमने इतनी नेक सलाह दी है। इसके लिए एक पार्टी तो बनती ही है।

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