scriptआत्म-दर्शन : दुख का कारण | Self-philosophy : Lack of knowledge is the cause of suffering | Patrika News
ओपिनियन

आत्म-दर्शन : दुख का कारण

बुराइयों के प्रति सजग रहकर ही मन में सकारात्मक एवं स्वस्थ चिंतन को पैदा किया जा सकता है।

नई दिल्लीSep 21, 2021 / 11:37 am

Patrika Desk

स्वामी अवधेशानंद गिरी

स्वामी अवधेशानंद गिरी

स्वामी अवधेशानंद गिरी

ज्ञान का अभाव दुख और व्याकुलता की ओर ले जाता है। अत: ज्ञान की खोज करो, सद्ज्ञान से ही दुखों की निवृत्ति होगी। व्यक्ति बिना किसी प्रयोजन दूसरों को कष्ट देने में सुख का अनुभव करता है। दूसरों की राह में कांटे बिछाकर कोई कैसे सुखी रह सकता है? जरूरी है कि व्यक्ति जीवन की बुराइयों के प्रति सजग रहे। वह विभिन्न प्रकार के भोगों में जकड़कर वासना का गुलाम बन जाता है, यही दुख का कारण है। बुराइयों के प्रति सजग रहकर ही मन में सकारात्मक एवं स्वस्थ चिंतन को पैदा किया जा सकता है।

आत्म-दर्शन : ईश्वर पर यकीन करें

जीवन में मानसिक पवित्रता का विकास एवं संयम की चेतना के विकास के साथ अनेक प्रकार की बुराइयों से बचा जा सकता है। कोई मनुष्य बुरा नहीं होता, बुरी होती हैं वे भावनाएं, जो दुर्गुण के रूप में मन को अपवित्र करती हैं।

Home / Prime / Opinion / आत्म-दर्शन : दुख का कारण

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो