…………. आयुर्वेद को दें बढ़ावा आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को भी बढ़ावा देकर लोगों को सेहतमंद बनाया जा सकता है। इसी तरह पंचगव्य उत्पाद भी चिकित्सा में सहयोगी हैं।
-डॉ. राजेन्द्र कुमावत, जयपुर ………… होम्योपैथी भी उपयोगी आयुर्वेदिक के साथ होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को भी बढ़ावा मिलना चाहिए। ये दोनों काफी प्रभावशाली हैं। एलोपैथी चिकित्सा में महंगी जांचों से गुजरना पड़ता है। एलोपैथी दवाइयां के दुष्प्रभाव भी सामने आते हैं।
-शिवजी यादव, अशोकनगर, मप्र ………….. मिलेगा जनता को फायदा निस्संदेह सरकार को एलोपैथी के साथ दूसरी चिकित्सा पद्धतियों को भी बढ़ावा देना चाहिए। एलोपैथी के साथ आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धतियों को भी प्रोत्साहन मिलना चाहिए। इससे निश्चित ही भारत के लोगों का कल्याण होगा। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति भारत की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है।
-दिव्यांश अमित शर्मा, श्रीमाधोपुर ……… एलोपैथी चिकित्सालयों पर भार होगा कम आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथी जैसी चिकित्सा पद्धतियों की उपेक्षा ठीक नहीं है। इनके जरिए बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इनको बढ़ावा मिलना चाहिए। इससे एलोपैथी चिकित्सालयों पर भार कम हो जाएगा और लोगों को सस्ता इलाज भी मिलेगा। इनको बढ़ावा देने से कई लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा सरकार की भी आय बढ़ेगी।
-नूरजहां रंगरेज, भीलवाड़ा …………. मिल सकती है मरीजों को राहत वर्तमान जीवन शैली एवं विकास की अंधी भागदौड़ में आजकल आम आदमी स्वास्थ्य की अनदेखी कर रहा है। इसके कारण कई असाध्य बीमारियों के मरीज दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। इसके परिणाम स्वरूप एलोपैथी चिकित्सा से जुड़े अस्पतालों पर भार बढ़ता जा रहा है। साथ ही मरीजों की तुलना में चिकित्सकों एवं चिकित्सा उपकरणों की भी कमी खल रही है। पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्वेद ,यूनानी, सिद्ध इत्यादि का विकास करके मरीजों को राहत दी जा सकती है।
-जानकी वल्लभ शर्मा, जयपुर ………. एलोपैथी के साइड इफेक्ट आजकल एलोपैथी बहुत प्रचलन में है। अब आम आदमी इससे परेशान होने लगा है, क्योंकि इसके साइड इफेक्ट बहुत ज्यादा हैं। जो दवा आज कारगर लगती है, कुछ समय पश्चात उसे खारिज कर दिया जाता है। शायद यही वजह है कि आम आदमी का अब वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों की ओर रुझान बढ़ रहा है। इसलिए सरकार को एलोपैथी के साथ दूसरी चिकित्सा पद्धतियों को भी बढ़ावा देना चाहिए।
-मनु वाशिष्ठ, कोटा