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टीकाकरण का यह मतलब कतई नहीं कि मास्क हटा दें

मास्क न पहनने का कोई ठोस कारण नहीं है, जबकि बिना मास्क के घूमना आपको और दूसरों को खतरे में डाल सकता है।संक्रमण का जोखिम कम करता है मास्क, चाहे कोई भी हो।

Jul 30, 2021 / 08:12 am

Patrika Desk

टीकाकरण का यह मतलब कतई नहीं कि मास्क हटा दें

टीकाकरण का यह मतलब कतई नहीं कि मास्क हटा दें

रिचर्ड पेल्टियर

(एसोसिएट प्रोफेसर, पयार्वरण स्वास्थ्य विज्ञान, यूमैस एमहर्स्ट)

कोविड-19 का कारण कोरोनावायरस अभी हमारे वातावरण में मौजूद है और इसका मतलब यह है कि हम सुरक्षा के उपायों को किनारे कर दें इस बात की फिलहाल कोई वजह नजर नहीं आती। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं मैसाचुसेट्स में रहता हूं और काम करता हूं, जहां टीकाकरण की दर ऊंची है और संक्रमण की दर नीची। लेकिन चिंता होती है यह देखकर कि टीका लगवाने के बाद कुछ लोगों के मास्क की जगह इस झूठे भाव – वायरस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता – ने ले ली है। एक पर्यावरण स्वास्थ्य विज्ञान का प्रोफेसर होने के नाते मेरा क्षेत्र है वायु प्रदूषण का अध्ययन और टीका लगवाने के बावजूद मैंने मास्क पहनना नहीं छोड़ा है, खासकर इनडोर। हालांकि मुझे संदेह होता है कि लोग मुझे वैक्सीन विरोधी या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाला समझ सकते हैं। उन्हें यह चिंता भी हो सकती है कि मैं कोविड-19 से पीडि़त हूं। दरअसल स्वस्थ होते हुए भी मैंने मास्क पहनना नहीं छोड़ा है उन लोगों के लिए जिन्हें टीका नहीं लगा है।

कई लोग दरअसल मास्क को अपनी जिंदगी में घुसपैठ की तरह देखते हैं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। मास्क पहनना कमजोरी नहीं, बल्कि दूसरों के लिए संवेदनशील होने की निशानी है। इसका सरोकार राजनीति से नहीं, बल्कि विज्ञान से है। मास्क को लेकर मिले-जुले जनस्वास्थ्य संदेशों से मदद कम मिलती है, संशय ज्यादा पैदा होते हैं। उदाहरण के तौर पर अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की गाइडलाइन हाल ही में अलग-अलग रही और उसमें जल्दी-जल्दी बदलाव भी देखने को मिला। ऐसे में जबकि स्कूल खोलने पर विचार किया जा रहा हो, अध्यापकों और अभिभावकों के लिए विचित्र स्थिति पैदा हो जाती है कि उन्हें किस गाइडलाइन का अनुसरण करना चाहिए और किस गाइडलाइन का नहीं। जबकि यह भी स्पष्ट हो रहा है कि पूरा टीकाकरण करा चुके लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। इसका यह अर्थ नहीं कि टीका कारगर नहीं है – टीका कारगर है और टीकाकरण के बाद संक्रमण के मामलों में कोविड-19 के लक्षण या तो नहीं हैं, या फिर हल्के हैं। लेकिन इससे हमें यह समझ लेना चाहिए कि कोविड-19 अभी हमारी दुनिया का हिस्सा है और हमें सतर्क रहना होगा।

हमारे पास अभी पुख्ता जानकारी नहीं है कि टीकाकरण के बाद संक्रमण के मामले में क्या संक्रमण ऐसे व्यक्ति तक फैल सकता है जिसे टीका न लगा हो। लेकिन सीडीसी अब भी पूरे टीकाकरण के बाद यदि किसी में कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके लिए आइसोलेशन की सिफारिश कर रही है। चूंकि अभी करीब आधे अमरीकियों को वैक्सीन लग चुकी है और कई ने चुनाव से, बाकी ने उम्र, चिकित्सा या धार्मिक कारणों से वैक्सीन नहीं लगवाई है, मेरा मानना है कि सावधानी बरतना अभी जरूरी है। वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में कैसे फैलता है, यह अब भी चर्चा का विषय है और यह आश्चर्यजनक तरीके से बेहद जटिल मसला है। लेकिन यह निर्विवाद है कि साधारण सर्जिकल-टाइप, कपड़े से बना या एन95 मास्क हमें दूसरों से संक्रमित होने और दूसरों को संक्रमित करने का जोखिम कम करता है।

कार चलाते हुए सीट बेल्ट बांधने से तुलना की बजाय मास्क पहनने के बोझ की तुलना कार चलाते हुए टर्न सिग्नल का इस्तेमाल करने से की जानी चाहिए, जिससे आप मंशा जाहिर कर न सिर्फ खुद को, बल्कि अपने आसपास मौजूद अन्य लोगों को भी सुरक्षित करते हैं। मास्क पहनना न केवल आसान है, बल्कि महंगा भी नहीं है। मास्क न पहनने का कोई ठोस कारण नहीं है, जबकि बिना मास्क के घूमना आपको और दूसरों को खतरे में डाल सकता है। इसलिए मास्क न हटाएं।

(द वाशिंगटन)

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